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आर्थिक व शारीरिक परेशानी से खुदकुशी की, पत्नी को छोड़ दूसरी शादी करने के कारण परिजनों से नहीं बनती थी

पटना/ मसौढ़ी : आत्महत्या करने वाला रविरंजन पहले मसौढ़ी में ही प्रतीक कोचिंग चलाता था और अच्छी आय भी होती थी. संस्थान में काफी छात्र थे. इस दौरान उसकी शादी संजू देवी से हुई और एक डेढ़ साल की बच्ची भी है. इसी दौरान कोचिंग में पढ़ने वाली छात्रा जीनत से प्यार हो गया और […]

पटना/ मसौढ़ी : आत्महत्या करने वाला रविरंजन पहले मसौढ़ी में ही प्रतीक कोचिंग चलाता था और अच्छी आय भी होती थी. संस्थान में काफी छात्र थे. इस दौरान उसकी शादी संजू देवी से हुई और एक डेढ़ साल की बच्ची भी है.

इसी दौरान कोचिंग में पढ़ने वाली छात्रा जीनत से प्यार हो गया और वे दोनों घर छोड़ कर भाग गये. जीनत की मां ने मसौढ़ी थाने में केस भी दर्ज कराया था. इसे लेकर काफी हंगामा भी हुआ था. रविरंजन के परिजनों को काफी फजीहत हुई थी.
इससे रविरंजन से उसके परिजनों की नहीं पटती थी. पिछले साल अगस्त में इसने जीनत से शादी कर ली और अहमदाबाद में काम करने लगा. वहां एक्सीडेंट के बाद उसकी जान तो बच गयी, लेकिन दोनों पैरों में पैरालाइसिस मार दिया और काम छोड़ना पड़ा. जो उसके पास पैसे बचे थे, वो इलाज में खर्च हो गये. पिता सीताराम पंडित की मसौढ़ी में किराने की दुकान है.
पैरालाइसिस मारने के कारण काम छूट गया और पैसे की कमी हो गयी
इधर, रविरंजन का एक्सीडेंट हो गया, जिसके बाद दोनों पैरों में पैरालाइसिस मार दिया. रविरंजन के सारे पैसे खत्म हो गये. परिजन उसे देखने के लिए भी नहीं पहुंचे और न ही मदद की. छोटा भाई ज्ञान रंजन ही एक मात्र मदद करने के लिए सामने आया. ज्ञान रंजन दो दिन पहले ही रिहैब सेंटर में आया था. उसने एक माह के 35 हजार रुपये से पहली किस्त के रूप में नौ हजार रुपये जमा करा दिये थे. रवि रंजन को लग रहा था कि पैसे का इंतजाम नहीं हो पायेगा.
यही स्थिति जीनत की भी थी. क्योंकि जीनत के परिजन भी नाराज थे. घटना की जानकारी मिलने पर जांच करने पहुंचे डीएसपी विधि व्यवस्था डॉ राकेश कुमार भी आर्थिक तंगी को खुदकुशी का पहला कारण मान रहे हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि हर बिंदु पर पुलिस जांच कर रही है. परिजनों ने किसी प्रकार का आरोप नहीं लगाया है.
शुक्रवार को जमा करना था पैसा
घटना की जानकारी मिलने पर उसके पिता सीताराम पंडित, भाई ज्ञान रंजन भी रिहैब सेंटर पर पहुंचे. ज्ञानरंजन ने बताया कि एक माह में सेंटर में इलाज के साथ रहने-खाने के लिए 35 हजार रुपये देने थे. वह नौ हजार दे चुका था और शुक्रवार को आठ हजार रुपये देने थे.
सेंटर से फोन आया कि उसके भाई की हालत खराब है और वह सेंटर पर चला आये. इसके बाद वह पहुंचा. ज्ञान रंजन ने बताया कि वह दो दिन पहले भी सेंटर पर आया था, लेकिन भाई ने किसी समस्या का जिक्र नहीं किया था. ज्ञान रंजन ने पुलिस के समक्ष किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है.
बेहोश हो गयी मां
अपने बेटे की मौत होने की सूचना मिलने पर मसौढ़ी स्थित घर पर रही मां बेहोश हो गयी. इसके पूर्व उसने बताया कि किसी प्रकार की घटना की उन्हें जानकारी नहीं है. रविरंजन की पहली पत्नी संजू देवी अपनी बच्ची के साथ जहानाबाद के काको में स्थित मायके में पिछले साल से ही रह रही है.
गुरुवार को हुई थी फिजियोथेरेपी
वह सात अप्रैल को राजीव नगर थाने के आशियाना फेज वन में एक डीएसपी के मकान संख्या ए/38 में चल रहे न्यू लाइफ रिहैब सेंटर (फिजियोथेरेपी सेंटर) में भर्ती हुआ. उसकी पत्नी चंचला कुमारी भी अटेंडेंट के रूप में देखभाल के लिए उसके साथ ही 101 नंबर कमरे में रह रही थी.
सेंटर के निदेशक डॉ ज्ञान प्रकाश ने बताया कि गुरुवार की शाम में फिजियोथेरेपी भी हुई और बीपी भी चेक किया गया. इसके बाद दोनों सोने चले गये. रात में सब कुछ सामान्य था. शुक्रवार नौ बजे सुबह में रूटीन प्रक्रिया के तहत कर्मचारी बीपी नापने के लिए गये, तब घटना की जानकारी हुई.

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