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विधानसभा चुनाव : किसी को पद, किसी को चाहिए ज्यादा सीटें
पटना : आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की राह आसान नहीं है. राजद व कांग्रेस के अलावा छोटे दल मसलन हम, रालोसपा और वीआइपी की बड़ी महत्वाकांक्षा है, जो देर-सबेर टकराव की वजह बन सकती है. महागठबंधन में राजद और कांग्रेस के अलावा तीन छोटे दल हम, रालोसपा और वीआइपी भी प्रमुख अंग हैं. हम […]
पटना : आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की राह आसान नहीं है. राजद व कांग्रेस के अलावा छोटे दल मसलन हम, रालोसपा और वीआइपी की बड़ी महत्वाकांक्षा है, जो देर-सबेर टकराव की वजह बन सकती है.
महागठबंधन में राजद और कांग्रेस के अलावा तीन छोटे दल हम, रालोसपा और वीआइपी भी प्रमुख अंग हैं. हम के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सीएम पद का दावा ठोक रहे हैं. हम के प्रदेश अध्यक्ष बीएल बैश्यंत्री बताते हैं कि उनकी तैयारी 30 से अधिक सीटों पर है, लेकिन सीएम पद जैसी कोई बात नहीं है. वहीं दूसरी तरफ रालोसपा को भी पिछले विधानसभा से लगभग दोगुने से अधिक सीट पर चुनाव लड़ने की मंशा है. इतना ही नहीं मुकेश सहनी को भी 35 से 40 सीट मिलने की उम्मीद है.
जनाधार बढ़ा तो सीट भी अधिक चाहिए
विधानसभा चुनाव
रालोसपा के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा के अनुसार जब पार्टी 2015 में एनडीए के साथ चुनाव लड़ी थी, तो उस समय उनको 23 सीटें मिली थीं. अब पांच वर्ष बाद कई कार्यक्रमों के माध्यम से पार्टी का जनाधार बढ़ा है. पार्टी ने शिक्षा सुधार पर कई कार्यक्रम किये हैं. जमीन स्तर पर पार्टी को मजबूत करने का काम किया गया है. ऐसे में पार्टी कम से कम 50 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयार कर रही है.
वीआइपी को 35 सीटों की उम्मीद
वीआइपी के मुकेश सहनी कहते हैं कि वे 2020 का चुनाव महागठबंधन के साथ ही लड़ेंगे. सीएम के लिए चेहरा महागठबंधन के नेता तय करेंगे. जो सार्वजनिक मंच पर फैसला होगा, उन्हें स्वीकार होगा. हालांकि, बार-बार पूछने पर मुकेश सहनी बताते हैं कि उनको कम से कम 35 सीटें मिलने की उम्मीद है. लेकिन, अगर इसमें कम-ज्यादा होता है, तो भी उन्हें स्वीकार होगा.
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