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धनबाद : बंद हुआ असाध्य रोग का फंड, इलाज के इंतजार में रह गये 400 गंभीर मरीज

मोहन गोप, धनबाद : केंद्र सरकार की ओर से आयुष्मान भारत योजना लांच करने के बाद मुख्यमंत्री गंभीर उपचार योजना (असाध्य रोग) का फंड राज्य सरकार ने बंद कर दिया है. प्रधान सचिव के पत्र के आलोक में अब सिविल सर्जन कार्यालय में असाध्य रोग के मरीजों से आवेदन भी जमा नहीं लिये जा रहे […]

मोहन गोप, धनबाद : केंद्र सरकार की ओर से आयुष्मान भारत योजना लांच करने के बाद मुख्यमंत्री गंभीर उपचार योजना (असाध्य रोग) का फंड राज्य सरकार ने बंद कर दिया है. प्रधान सचिव के पत्र के आलोक में अब सिविल सर्जन कार्यालय में असाध्य रोग के मरीजों से आवेदन भी जमा नहीं लिये जा रहे हैं. इस कारण हर दिन सिविल सर्जन कार्यालय का चक्कर मरीज व उनके परिजन लगा रहे हैं.
अब इन मरीजों को आयुष्मान भारत के तहत संबंधित अस्पतालों में आवेदन करने की सलाह दी जा रही है. आयुष्मान में 1408 प्रकार की बीमारियों को लिस्टेड किया गया है. इसमें असाध्य बीमारी भी शामिल है. लेकिन आयुष्मान में किडनी ट्रांसप्लांट का जिक्र नहीं हैं.
असाध्य रोग के तहत जिला स्तर से 2.5 लाख व राज्य स्तर से पांच लाख रुपये लाभुकों के संबंधित अस्पताल को देने का प्रावधान है. असाध्य रोग के लिए लाल या पीला कार्ड की जरूरत नहीं थी, इसके लिए केवल सालाना आया 72 हजार से कम होना था.
25 दिसंबर को मिला पत्र, आवेदन लेना बंद : असाध्य रोगों को लेकर 25 दिसंबर 2018 को प्रधान सचिव का पत्र सिविल सर्जनों को मिला था. इसमें असाध्य की राशि को आयुष्मान में मर्ज की बात कही गयी थी.
बीमारियों का भी जिक्र था. लेकिन असाध्य पूरी तरह से बंद हो गया, इसका स्पष्ट उल्लेख नहीं था. इस कारण स्वास्थ्य विभाग पदाधिकारी थोड़ा असमंजस में हैं. लेकिन नया कोई भी आवेदन नहीं लिया जा रहा है. हर दिन लगभग आठ से 10 लोग असाध्य के लिए आवेदन करते थे.
अगस्त से लेकर दिसंबर तक चार सौ मरीज, चार करोड़ के बदले मिले 40 लाख
अगस्त 2018 से लेकर 24 दिसंबर 2018 तक धनबाद में लगभग चार सौ मरीज एेसे थे, जिन्हें इलाज के लिए राशि की स्वीकृति मिली थी. इन मरीजों को लगभग चार करोड़ रुपये चाहिए थे, लेकिन 11 दिसंबर 2018 को 40 लाख रुपये का ही आवंटन (जुलाई के मरीजों के लिए) हुआ.
इसके बाद कोई आवंटन नहीं हो पाया है. विभाग ने भी मान लिया है कि योजना अब बंद हो गयी है. अब वैसे मरीजों को, जो संबंधित अस्पताल में रिक्वेस्ट के आधार पर इलाज कराने गये थे, उसे अस्पताल ने लौटा दिया है.
आयुष्मान कार्ड के लिए भटक रहे लोग
एक ओर असाध्य रोग फंड नहीं मिलने के कारण मरीजों को आयुष्मान भारत से जुड़ने की बात कही जा रही है, तो दूसरे ओर गरीबों को कार्ड नहीं बन पा रहा है. पीएमसीएच सहित धनबाद के 17 अस्पताल आयुष्मान से सूचीबद्ध हैं, लेकिन तीन-चार अस्पतालों को छोड़ कर कार्ड कोई नहीं बना रहा है. बार-बार लिंक फेल होने की बात बतायी जाती है. इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता रहा है.

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