ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BA.2 को क्यों कहा जाता है स्टील्थ वैरिएंट? 40 देशों में फैल चुका है संक्रमण

Omicron Sub-Variant BA.2: भारत समेत दुनिया के 40 देशों में फैल चुके ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट बीए.2 के बारे में सब कुछ यहां जानें...

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 25, 2022 8:02 PM

Omicron Sub-Variant BA.2: वैश्विक महामारी कोरोना के कई वैरिएंट अब तक आ चुके हैं. हर वैरिएंट अपने पिछले वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक है. अल्फा, बीटा और डेल्टा के बाद ओमिक्रॉन ने तेजी से लोगों को संक्रमित किया. अब कोविड का एक और वैरिएंट दुनिया में कहर बरपाने लगा है. इसका नाम बीए.2 (BA.2) है. विशेषज्ञ इसे स्टील्थ वैरिएंट की संज्ञा दे रहे हैं. महाजन इमेजिंग के डॉ हर्ष महाजन ने मंगलवार को कोरोना के नये स्ट्रेन बीए.2 (BA.2 Strain) पर कुछ विशिष्ट जानकारी दी.

डेल्टा से कितना अलग है ओमिक्रॉन का नया स्ट्रेन बीए.2

महाजन इमेजिंग के संस्थापक और मुख्य रेडियोलॉजिस्ट डॉ हर्ष महाजन (Dr Harsh Mahajan) ने कोरोना (Coronavirus) के नये स्ट्रेन बीए.2 पर कहा कि ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट बीए.2 (BA.2) में डेल्टा की तरह आरटी-पीसीआर (RT-PCR) में एस-जीन ड्रॉप-ऑफ (S-Gene-Drop-Off) नहीं होता. बीए.2 को ‘स्टील्थ वैरिएंट’ (Stealth Variant) भी कहा जाता है, क्योंकि यह थर्मो फिशर आरटी-पीसीआर किट पर उस तरह रियैक्ट नहीं करता, जैसा डेल्टा वैरिएंट में करता था. इसलिए, बीए.2 संक्रमण का पता लगाने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग जरूरी है.


दुनिया के 40 देशों में फैला ओमिक्रॉन का बीए.2 स्ट्रेन

आपको बता दें कि ओमिक्रॉन के इस सब-स्ट्रेन ने पूरी दुनिया की नींद उड़ा दी है. बीए.2 स्ट्रेन अब तक दुनिया के 40 देशों में फैल चुका है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो भारत में इस वैरिएंट के 530 मामले सामने आ चुके हैं. इसलिए ओमिक्रॉन के थमने से पहले आये इस सब-वैरिएंट ने सबकी चिंता बढ़ा दी है. माना जा रहा है कि नया सब-वैरिएंट ओमिक्रॉन से भी तेजी से फैलता है.

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RT-PCR की पकड़ में नहीं आता BA.2

ओमिक्रॉन का यह सब-वैरिएंट बीए.2 से खतरा ज्यादा है, क्योंकि आरटी-पीसीआर टेस्ट (RT-PCR Test) भी इसे नहीं पकड़ पाता. इस सब-वैरिएंट का पहला मामला 6 दिसंबर 2021 को सामने आया था. ब्रिटेन के लंदन शहर में इस सब-वैरिएंट (Sub-Variant of Omicron) के 146 मामले सामने आ चुके हैं. पूरे ब्रिटेन की बात करें, तो वहां 426 मामलों की पुष्टि हुई है. ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग ने माना है कि देश में सैकड़ों मामले इस वैरिएंट के सामने आ चुके हैं.

होल जीनोम सीक्वेंसिंग से होती है बीए.2 की पुष्टि

होल जीनोम सीक्वेंसिंग (Whole Genome Sequencing) के जरिये इस मामले का पता लगाया जा सकता है. हालांकि, ब्रिटिश स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि अभी यह किसी को नहीं मालूम कि बीए.2 ज्यादा खतरनाक है या ओमिक्रॉन (Omicron Variant). यह भी कहा है कि बीए.2 का कोई ऐसा म्यूटेशन (Mutation) नहीं है, जिसकी वजह से इसे डेल्टा (Delta Variant) से अलग किया जा सके.

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इन देशों में महामारी को बढ़ा सकता है ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट

जॉन हॉपकिंस के वायरोलॉजिस्ट ब्रायन जेले ने कहा है कि फ्रांस और डेनमार्क के बाहर समूचे यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका में ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट बीए.2 महामारी को बढ़ा सकता है. सिंगापुर और स्वीडन भी अपवाद नहीं हैं. सिंगापुर में 127 मामले सामने आये हैं, तो स्वीडन में 181 केस की पुष्टि हो चुकी है.

BA.2 सब-वैरिएंट कितना घातक?

ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट बीए.2 को तीन सब-टाइप में बांटा गया है. बीए.1, बीए.2 और बीए.3. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि बीए.1 और बीए.3 के स्पाइक प्रोटन में 69-70 डिलेशन हैं, जबकि बीए.2 में ऐसा नहीं है. हालांकि, फ्रांस के महामारी विज्ञानी एंटोनी फ्लैहॉल्ट का कहना है कि ओमिक्रॉन का नया सब-वैरिएंट बीए.2 बहुत तेजी से पैलता है, लेकिन ज्यादा घातक है, ऐसा नहीं लगता.

Posted By: Mithilesh Jha

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