क्या है सलवा जुडूम केस? जिस पर घिरे सुदर्शन रेड्डी, अमित शाह ने कहा- ‘खत्म किया आदिवासियों के आत्मरक्षा का हक’
Amit Shah: उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले सियासी संग्राम तेज हो गया है. गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्षी उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी पर निशाना साधा. शाह ने आरोप लगाया कि सलवा जुडूम केस के फैसले से नक्सलवाद लंबा खिंचा, जबकि रेड्डी ने आरोप खारिज किए.
Amit Shah: उपराष्ट्रपति का चुनाव सितंबर महीने की 9 तारीख को होना है. NDA और INDIA ब्लॉक दोनों गठबंधनों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. सत्ता पक्ष की तरफ से सीपी राधाकृष्णन को उतारा है, तो वहीं विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. इसी बीच गृहमंत्री अमित शाह ने INDIA ब्लॉक के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी पर जमकर हमला बोला है. शाह ने कहा कि सुदर्शन रेड्डी के फैसले की वजह से देश में नक्सलवाद दो दशकों से ज्यादा समय तक चला है.
बी सुदर्शन रेड्डी को अमित शाह ने घेरा
ANI के इंटरव्यू में गृहमंत्री अमित शाह ने उपराष्ट्रपति चुनाव के साथ संविधान के 130 वें संशोधन को लेकर बयान दिया. इसी बीच शाह ने विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सुदर्शन रेड्डी ने सलवा जुडूम को खारिज कर आदिवासियों के आत्मरक्षा के अधिकार को खत्म कर दिया. यही वजह है कि देश में नक्सलवाद दो दशकों से ज्यादा समय तक चला है. उस समय नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसे ले रहा था. उन्होंने कहा कि आदिवासियों ने अपनी रक्षा के लिए सलवा जुडूम का गठन किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. इसके बाद नक्सलियों ने रातों रात एक आदेश जारी कर सबको बाहर निकाल दिया. कई जगहों पर सुरक्षा बलों पर हमला हुए. उस स्कूल को भी तबाह कर दिया, जिसमें CRPF और सुरक्षा बल मौजूद थे.
वामपंथी विचाराधारा की वजह से रेड्डी के नाम का चयन
अमित शाह ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि इन फैसलों पर सुदर्शन रेड्डी से ज्यादा राहुल को जवाब देना चाहिए. इसके अलावा, शाह ने कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सुदर्शन रेड्डी के चयन का मानदंड वामपंथी विचारधारा ही रही होगी. यही वजह है कि सुदर्शन रेड्डी के नाम का ऐलान किया गया है.
यह भी पढ़ें- क्या कोई जेल से सरकार चला सकता है? 130वें संशोधन पर अमित शाह का बड़ा बयान
क्या है सलवा जुडूम?
सलवा जुडूम मामला का संबंध छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद और आदिवासियों के बीच संघर्ष से जुड़ा हुआ है. यह अभियान राज्य सरकार और स्थानीय लोगों की पहल पर साल 2005 से 2011 के बीच शुरू हुआ था, जिसका मकसद नक्सल गतिविधियों को रोकना था. इस अभियान में आदिवासी युवाओं को विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) बनाया गया और नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में उतारा गया. लेकिन इस दौरान कई लोग विस्थापित हुए और हिंसा में मारे भी गए. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी की बेंच ने सलवा जुडूम को असंवैधानिक और गैरकानूनी करार दिया.
सुदर्शन रेड्डी ने अमित शाह के बयान पर दिया जवाब
अमित शाह के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि वह सीधे तौर पर गृह मंत्री के साथ बहस में नहीं पड़ना चाहते. उनका कहना था कि गृह मंत्री का संवैधानिक दायित्व हर नागरिक की जान, आजादी और संपत्ति की सुरक्षा करना है, चाहे वैचारिक मतभेद क्यों न हों. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह फैसला उनका व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट का है. रेड्डी ने कहा कि बेहतर होगा अमित शाह उस 40 पन्नों के फैसले को पढ़ें, क्योंकि यदि उन्होंने उसे ध्यान से पढ़ा होता, तो शायद ऐसी टिप्पणी नहीं करते.
