Vice Presidnet Election: भोपाल गैस त्रासदी से लेकर सलवा जुडूम तक… इन मुद्दों पर घिरे बी सुदर्शन रेड्डी
Vice Presidnet Election: उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है. उनका मुकाबला एनडीए प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन से है. जस्टिस रेड्डी के पुराने फैसलों को विपक्ष अनुभव का सबूत बता रहा, जबकि बीजेपी इन्हीं को सियासी हथियार बना रही है.
Vice President Election: उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है. उनका मुकाबला NDA उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से है. संख्या बल में सत्तापक्ष मजबूत स्थिति है, लेकिन विपक्ष ने पूर्व जज को उतारकर मुकाबले को और भी ज्यादा दिलचस्प बना दिया है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में जज रहते हुए बी सुदर्शन रेड्डी ने कुछ ऐसे फैसले सुनाए थे, जिसको विपक्ष के खिलाफ NDA मजबूती से इस्तेमाल करने की कोशिश कर सकता है.
भोपाल गैस त्रासदी पर फैसला
साल 2012 में भोपाल गैस त्रासदी के आरोपियों के खिलाफ आरोपों को कम करने वाले न्यायालयीन फैसले के विरोध में सीबीआई की तरफ से क्यूरेटिव पिटीशन दायर की गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट की तरफ से रद्द कर दिया गया था. SC के इस फैसले में जस्टिस रेड्डी समेत पांच सदस्य शामिल थे. वहीं इस फैसले को लेकर बीजेपी नेता तेजिंदर बग्गा ने INDIA ब्लॉक के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी का विरोध किया है. उन्होंने X पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि एंडरसन ने भोपाल गैस त्रासदी में 25,000 भारतीयों की जान ले ली थी. राजीव गांधी ने उसे भारत से भागने में मदद की थी. जब सीबीआई ने मामले को फिर से खोलने की अपील की, तो जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी ने इनकार कर दिया. अब वह सोनिया गांधी के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं.
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नक्सल प्रभावित इलाकों पर टिप्पणी
जुलाई 2011 में जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी और जस्टिस एसएस निज्जर ने छत्तीसगढ़ सरकार के SPO भर्ती फैसले को असंवैधानिक करार दिया. उनका कहना था कि आदिवासी युवाओं को इस तरह लड़ाई में झोंकना संविधान और मानवाधिकारों के खिलाफ है. बीजेपी का आरोप है कि इससे नक्सलवाद के खिलाफ जंग कमजोर हुई. दरअसल, SPO भर्ती के तहत इन युवाओं को सलवा जुडूम या कोया कमांडो के तौर पर माओवाद से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा था.
आर्मी मेडिकल कॉलेज में आरक्षण का मामला
जस्टिस रेड्डी ने आर्मी मेडिकल कॉलेज की सभी सीटों को केवल सैन्यकर्मियों के बच्चों के लिए आरक्षित करने पर रोक लगाई. उन्होंने 2011 में सुनाए इस फैसले में कहा कि इससे पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति को उच्च शिक्षा से वंचित करना खतरनाक होगा.
ब्लैक मनी जांच पर सख्ती
रिटायरमेंट से पहले जस्टिस रेड्डी ने केंद्र सरकार को ब्लैक मनी जांच में ढिलाई के लिए फटकार लगाई थी. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज बीपी जीवन रेड्डी की अध्यक्षता में SIT गठित करने का आदेश दिया था. विपक्ष जहां उनके न्यायिक फैसलों को अनुभव और ईमानदारी का प्रमाण बता रहा है, वहीं बीजेपी उन्हीं में से चुनिंदा मामलों को चुनावी हथियार बना रही है.
