उत्तराखंड आपदा: खत्म नहीं हुआ है शव मिलने का सिलसिला अबतक 68 बॉडी बरामद, 206 लापता

रेस्क्यू टीम को अभी इन इलाको में और शव दबे होने की आशंका है. कई आधुनिक उपकरण और डॉग स्कवॉड के साथ पूरे इलाके में सर्च अभियान जारी है. टीम यह पूरी कोशिश कर रही है कि पूरे इलाके में बेहतर तरीके से सर्च किया जाये. लंबे समय से एनटीआरएफ की टीम लगी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2021 8:43 PM
  • मरने वालों की संख्या 68 हो गयी

  • तपोवन टनल से 28 शरीर के अलग – अलग हिस्से भी निकाले गये

  • रेस्क्यू टीम को अभी इन इलाको में और शव दबे होने की आशंका

उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने (glacier avalanche) से बड़ा हादसा हो गया जिसमें कई लोगों की जान चली गई. तपोवन टनल से 1 और शव बाहर निकाला गया इसके साथ ही मरने वालों की संख्या 68 हो गयी. एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर आदित्य प्रताप सिंह ने यह जानकारी दी. उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि 68 शवों के अलावा तपोवन टनल से 28 शरीर के अलग – अलग हिस्से भी निकाले गये हैं.

रेस्क्यू टीम को अभी इन इलाको में और शव दबे होने की आशंका है. कई आधुनिक उपकरण और डॉग स्कवॉड के साथ पूरे इलाके में सर्च अभियान जारी है. टीम यह पूरी कोशिश कर रही है कि पूरे इलाके में बेहतर तरीके से सर्च किया जाये. लंबे समय से एनटीआरएफ की टीम लगी है.

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चमोली के तपोवन में 6 फरवरी को सुबह करीब साढ़े 10 बजे ग्लेशियर टूटा जिसकी वजह से ऋषिगंगा नदी में बाढ़ आ गयी. यही नदी धौलीगंगा से मिलती है इस वजह से जलस्तर में तेजी से बढोत्तरी हुई. इस सैलाब में दो पॉवर प्रोजेक्ट और बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन का बनाया ब्रिज भी तबाह हो गया. इस आपदा में 206 लोगों के लापता होने की बात सामने आई थी.

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तब से अब तक लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. ऋृषिगंगा नदी में सुरक्षा के मद्देनजर वाटर सेंसर लगाया है जो नदी के जलस्तर बढ़ने पर अलर्ट कर देगा. जैसे ही पानी बढ़ेगा लोग एक किलोमीटर दूर तर इसके अलार्म की आवाज सुन सकेंगे. पानी भरने से पहले लोग सतर्क हो सकेंगे

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