UNSC: आज से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का हिस्सा होगा भारत, ये होंगे मुख्य मुद्दे

नयी दिल्ली : नये साल में आज पहली जनवरी का दिन भारत के लिए खास है. आज से भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का अस्थायी सदस्य हो जायेगा. चीन के साथ पिछले कई महीनों से जारी तनाव (India China Faceoff) के बीच भारत का यूएनएससी का अस्थायी सदस्य बनना बड़ी बात है. दुनिया के कई देशों की नजर भारत पर टिकी होगी. भारत ने जिस प्रकार से चीन की दबंगई का सामना किया है उससे चीन को यूएनएससी में भारत के कदमों का बेसब्री से इंतजार होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 1, 2021 10:49 AM

नयी दिल्ली : नये साल में आज पहली जनवरी का दिन भारत के लिए खास है. आज से भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का अस्थायी सदस्य हो जायेगा. चीन के साथ पिछले कई महीनों से जारी तनाव (India China Faceoff) के बीच भारत का यूएनएससी का अस्थायी सदस्य बनना बड़ी बात है. दुनिया के कई देशों की नजर भारत पर टिकी होगी. भारत ने जिस प्रकार से चीन की दबंगई का सामना किया है उससे चीन को यूएनएससी में भारत के कदमों का बेसब्री से इंतजार होगा.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत स्थायी प्रतिनिधि टी एस त्रिमूर्ति ने पीटीआई भाषा से कहा कि अस्थायी सदस्य के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान भारत मानवाधिकारों और विकास जैसे बुनियादी मूल्यों को बढ़ावा देगा और बहुपक्षवाद पर जोर देगा. यूएनएससी में पांच स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं. भारत को अस्थायी सदस्य के तौर पर यूएनएससी में आठवीं बार सीट मिली है.

त्रिमूर्ति ने कहा कि सबसे बड़े लोकतंत्र के नाते हम लोकतंत्र, मानवाधिकार और विकास जैसे बुनियादी मूल्यों को बढ़ावा देंगे. उन्होंने कहा कि भारत का संदेश होगा कि हम एकीकृत ढांचे में विविधता को किस तरह बढ़ावा दे सकते हैं जो कि संयुक्त राष्ट्र में कई तरीके से प्रतिबिंबित होता है. भारत हमेशा से इसका पक्षधर रहा है और परिषद में भी हम यह संदेश लेकर जायेंगे.

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आतंकवाद होगा भारत का मुख्य मुद्दा

त्रिमूर्ति ने कहा कि भारत निश्चित तौर पर परिषद में वृहद सहयोग की जरूरत को रेखांकित करेगा. उन्होंने कहा कि यह ऐसा स्थान नहीं होना चाहिए जहां निर्णय लेने की प्रक्रिया में किसी प्रकार के गतिरोध के कारण अत्यावश्यक जरूरतों पर उचित तरीके से ध्यान नहीं किया जा सके. उन्होंने कहा कि हम पहले से भी अधिक सहयोगात्मक ढांचा चाहेंगे, जिसमें समाधान निकाले जा सकें और आगे बढ़ने का रास्ता प्रशस्त हो.

त्रिमूर्ति ने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय नियमों और कानूनों के पालन की महत्ता पर भी जोर देगा. उन्होंने कहा कि हम व्यापक रूप से इन संदेशों पर जोर देंगे. हम बहुपक्षवाद को कायम रखने को बढ़ावा देंगे. त्रिमूर्ति ने कहा कि यूएनएससी के सदस्य के तौर पर कार्यकाल में आतंकवाद रोधी, शांति रक्षा, समुद्री सुरक्षा, बहुपक्षवाद सुधार, लोगों के लिए प्रौद्योगिकी, महिलाओं और युवाओं के कल्याण जैसे विषय भारत की प्राथमिकता रहेंगे.

इन देशों को मिली अस्थायी सदस्यता

भारत, नार्वे, केन्या, आयरलैंड और मैक्सिको वर्ष 2021 में अस्थायी सदस्य के तौर पर शामिल होंगे. इनके अलावा एस्टोनिया, नाइजर, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, ट्यूनीशिया और वियतनाम यूएनएससी के अस्थायी सदस्य हैं. चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका स्थायी सदस्य हैं. भारत अगस्त 2021 में यूएनएससी की अध्यक्षता करेगा और फिर 2022 में एक महीने के लिए परिषद की अध्यक्षता करेगा. सदस्यों को बारी-बारी से परिषद की अध्यक्षता करने का अवसर मिलता है.

Posted By: Amlesh Nandan.

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