राजनीति में आएं युवा, तभी बदलेगी देश की तस्वीर, युवा संसद में बोले PM मोदी

नयी दिल्ली : स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekanand) की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने युवा संसद को संबोधित करते हुए कहा कि समय गुजरता गया, देश आजाद हो गया, लेकिन हम आज भी देखते हैं, स्वामी जी का प्रभाव अब भी उतना ही है. मोदी ने कहा कि अध्यात्म को लेकर उन्होंने जो कहा, राष्ट्रवाद-राष्ट्र निर्माण को लेकर उन्होंने जो कहा, जनसेवा-जगसेवा को लेकर उनके विचार आज हमारे मन-मंदिर में उतनी ही तीव्रता से प्रवाहित होते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2021 11:57 AM

नयी दिल्ली : स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekanand) की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने युवा संसद को संबोधित करते हुए कहा कि समय गुजरता गया, देश आजाद हो गया, लेकिन हम आज भी देखते हैं, स्वामी जी का प्रभाव अब भी उतना ही है. मोदी ने कहा कि अध्यात्म को लेकर उन्होंने जो कहा, राष्ट्रवाद-राष्ट्र निर्माण को लेकर उन्होंने जो कहा, जनसेवा-जगसेवा को लेकर उनके विचार आज हमारे मन-मंदिर में उतनी ही तीव्रता से प्रवाहित होते हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का ये दिन विशेष इसलिए भी हो गया है कि इस बार युवा संसद देश की संसद के सेंट्रल हॉल में हो रहा है. ये सेंट्रल हॉल हमारे संविधान के निर्माण का गवाह है. मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने एक और अनमोल उपहार दिया है. ये उपहार है, व्यक्तियों के निर्माण का, संस्थाओं के निर्माण का. इसकी चर्चा बहुत कम ही हो पाती है.

पीएम मोदी ने कहा कि लोग स्वामी जी के प्रभाव में आते हैं, संस्थानों का निर्माण करते हैं, फिर उन संस्थानों से ऐसे लोग निकलते हैं जो स्वामी जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए नये लोगों को जोड़ते चलते हैं. व्यक्तित्व से संस्थान और संस्थान से व्यक्तित्व का ये चक्र भारत की बहुत बड़ी ताकत है.

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प्रधानमंत्री ने कहा कि ये स्वामी जी ही थे, जिन्होंने उस दौर में कहा था कि निडर, बेबाक, साफ दिल वाले, साहसी और आकांक्षी युवा ही वो नींव है जिस पर राष्ट्र के भविष्य का निर्माण होता है. वो युवाओं पर, युवा शक्ति पर इतना विश्वास करते थे. मोदी ने कहा कि स्वामी जी ने हमेशा स्वस्थ शरीर के बारे में बाते की हैं.

पीएम मोदी ने देश के युवाओं से राजनीति में आने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि आप युवा हैं तो यह मत सोंचे कि अभी मेरे मस्ती करने के दिन हैं, राजनीति में मेरा क्या काम. पहले देश में ये धारणा बन गई थी कि अगर कोई युवक राजनीति की तरफ रुख करता था तो घर वाले कहते थे कि बच्चा बिगड़ रहा है. क्योंकि राजनीति का मतलब ही बन गया था- झगड़ा, फसाद, लूट-खसोट, भ्रष्टाचार. लोग कहते थे कि सब कुछ बदल सकता है लेकिन सियासत नहीं बदल सकती. लेकिन आज राजनीति में ईमानदार लोगों को भी मौका मिल रहा है.

Posted By: Amlesh Nandan

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