कोटकपुरा मामले पर शिअद का अहम सवाल : गोली चलाने के आदेश एसडीएम ने दिए, फिर बादल से पूछताछ क्यों?

पंजाब विधानसभा चुनाव के पहले से ही सूबे की राजनीति अभी ही से गरमाने लगी है. हालांकि, इस राज्य में विधानसभा का चुनाव 2022 में यूपी के साथ ही होगा, लेकिन प्रदेश का करीब-करीब प्रत्येक दल अभी ही से मुखर होने लगा है.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 22, 2021 10:36 PM

चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा चुनाव के पहले से ही सूबे की राजनीति अभी ही से गरमाने लगी है. हालांकि, इस राज्य में विधानसभा का चुनाव 2022 में यूपी के साथ ही होगा, लेकिन प्रदेश का करीब-करीब प्रत्येक दल अभी ही से मुखर होने लगा है. मंगलवार को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने प्रदेश की वर्तमान अमरिंदर सिंह सरकार से अहम सवाल पूछे हैं. उसने कहा है कि कोटकपुरा मामले में गोली चलाने का आदेश एसडीएम ने दिया, फिर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से पूछताछ क्यों की जा रही है?

शिअद ने कहा कि कांग्रेस सरकार पंजाब में पांच बार के मुख्यमंत्री तथा पार्टी प्रमुख सरदार प्रकाश सिंह बादल से सवाल करने के लिए अनाधिकृत व्यक्ति को तैनात करके कोटकपुरा फायरिंग केस की एसआईटी जांच का फिर से राजनीतिकरण कर रही है. शिअद के वरिष्ठ नेता प्रो चंदूमाजरा, महेशइंदर सिंह ग्रेवाल और डॉ दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि एसआईटी द्वारा सरदार बादल से पूछताछ करने के साथ-साथ अभियोजन के निदेशक को टीम का हिस्सा बनाने के लिए के लिए कांग्रेस सरकार इस पूरे मामले का राजनीतिकरण करने के लिए आमादा है.

उन्होंने कहा कि रिटायर्ड अफसर विजय सिंगला फिलहाल किसी आधिकारिक पद आसीन नहीं हैं, लेकिन उन्हें एसआईटी टीम का हिस्सा बनाया गया है. पार्टी ने आरोप लगाया कि एसआईटी की टीम में डीआईजी सुरजीत सिंह को शामिल नहीं किया गया. अभियोजन पक्ष तभी कदम उठाता है, जब चालान अदालत में पेश किया जाता है. पूर्व निदेशक अभियोजन को एसआईटी टीम का हिस्सा कैसे बनाया जा सकता है? उन्होंने कहा कि क्या एसआईटी सलाहकार बीआईएस चहल सहित मुख्यमंत्री के कैबिनेट के निर्देशों पर काम कर रही है?

महेशइंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि हालांकि सरदार प्रकाश सिंह बादल ने सेहत ठीक नहीं होने के बावजूद एसआईटी के साथ सहयोग किया है. यह बेहद हैरानी की बात है कि पूर्व मुख्यमंत्री पर धारा 307 आईपीसी के तहत दर्ज हत्या के मामले की पूछताछ की जा रही है. उन्होंने कहा कि कोटकपुरा गोलीकांड में एक व्यक्ति घायल हुआ था. गोली सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के आदेश पर चलाई गई थी. उन्होंने गोली चलाने के आदेश देने से पहले लाठी चार्ज और पानी की बौछारों के इस्तेमाल करने का आदेश दिया था. इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री से पूछताछ करने की बजाय संबंधित एसडीएम से पूछताछ की जानी चाहिए.

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Posted by : Vishwat Sen

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