Red Fort Blast : कार किसकी थी और कहां से पहुंची दिल्ली? हुआ बड़ा खुलासा

Red Fort Blast : सोमवार शाम करीब 6.50 बजे धमाके से ठीक पहले की सीसीटीवी फुटेज सामने आई है. गाड़ी लगभग तीन घंटे तक लाल किले के पास सुनेहरी मस्जिद के नजदीक पार्क रहा. फुटेज में कार को 3.19 बजे पार्किंग में इंट्री करते और 6.48 बजे बाहर निकलते हुए देखा गया.

By Amitabh Kumar | November 11, 2025 7:50 AM

Red Fort Blast : दिल्ली में सोमवार शाम लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास धीमी गति से चल रही एक कार में जोरदार विस्फोट हुआ. इस धमाके में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 लोग घायल हो गए. लाल किले के पास हुए धमाके से पहले का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें संदिग्ध व्यक्ति ह्यूंदै i20 कार चलाते नजर आ रहा है. यही कार बाद में विस्फोट का कारण बनी. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, यह व्यक्ति डॉ. मोहम्मद उमर है, जो फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा संदिग्ध आतंकी बताया जा रहा है. यह धमाका शाम के व्यस्त समय में हुआ, जब लाल किला और आसपास का इलाका पर्यटकों से भरा हुआ था.

कार को दोपहर 3.19 बजे पार्किंग में इंट्री करते देखा गया

जानकारी के अनुसार, सोमवार शाम 6.52 बजे धमाके से ठीक पहले की सीसीटीवी फुटेज सामने आई है. यह गाड़ी लाल किले के पास सुनेहरी मस्जिद के नजदीक करीब तीन घंटे तक पार्क किया गया था. सीसीटीवी फुटेज में कार को दोपहर 3.19 बजे पार्किंग में इंट्री करते और शाम 6.48 बजे बाहर निकलते हुए देखा गया, जिसके कुछ ही देर बाद धमाका हुआ. शुरू में कार को ड्राइव कर रहे शख्स का चेहरा साफ दिखाई देता है, लेकिन आगे बढ़ते समय कार की ड्राइविंग सीट पर एक नकाबपोश व्यक्ति नजर आता है.

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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के अनुसार, धमाके वाली कार का रास्ता सीसीटीवी फुटेज की मदद से कुछ ट्रेस किया गया है. फुटेज में कार को आखिरी बार बदरपुर बॉर्डर से शहर में प्रवेश करते हुए देखा गया था. इसके आगे गाड़ी कहां गई इसकी जांच जारी है.

ह्यूंदै i20 कार मूल रूप से मोहम्मद सलमान की

जम्मू-कश्मीर की खुफिया सूत्रों के अनुसार, विस्फोट में इस्तेमाल हुई ह्यूंदै i20 कार मूल रूप से मोहम्मद सलमान की थी, जिसे सोमवार रात गिरफ्तार किया गया. इसके बाद इसका मालिक कई बार बदलता रहा. पहले यह नादिम को बेची गई, फिर फरीदाबाद सेक्टर-37 के यूज़्ड कार डीलर रॉयल कार ज़ोन को. जब इस शोरूम से जुड़े लोगों से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो सभी मोबाइल नंबर बंद मिले. इसके बाद कार पुलवामा के तारिक ने खरीदी और फिर मोहम्मद उमर के पास पहुंची.