गलती देबांजन देब की, सजा आम लोगों को? निजी और NGO के वैक्सीनेशन ड्राइव पर रोक से बंगाल में बढ़ी चिंता

Bengal Vaccination News: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में फर्जी वैक्सीनेशन कैंप लगाने के आरोप में देबांजन देब समेत छह लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इस मामले के सामने आने के बाद राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने निजी और स्वयंसेवी संस्थानों के लगने वाले वैक्सीनेशन कैंप पर रोक लगा दिया था. अब, इस आदेश को वापस लेने की मांग की जा रही है. कई निजी और स्वयंसेवी संस्थानों ने राज्य सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द इस फैसले को वापस लिया जाए. इससे पश्चिम बंगाल में जारी वैक्सीनेशन ड्राइव में सफलता मिलेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2021 7:00 PM

Bengal Vaccination News: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में फर्जी वैक्सीनेशन कैंप लगाने के आरोप में देबांजन देब समेत छह लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इस मामले के सामने आने के बाद राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने निजी और स्वयंसेवी संस्थानों के लगने वाले वैक्सीनेशन कैंप पर रोक लगा दिया था. अब, इस आदेश को वापस लेने की मांग की जा रही है. कई निजी और स्वयंसेवी संस्थानों ने राज्य सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द इस फैसले को वापस लिया जाए. इससे पश्चिम बंगाल में जारी वैक्सीनेशन ड्राइव में सफलता मिलेगी.

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पिछले दिनों राज्य सरकार ने देबांजन देब के मामले के सामने आने के बाद निजी और स्वयंसेवी संस्थानों के वैक्सीनेशन कैंप को बंद करने का आदेश दिया था. राज्य सरकार ने बताया था कि जल्द ही वैक्सीनेशन से जुड़ी नई गाइडलाइंस पेश की जाएगी. गाइडलाइंस जारी होने तक निजी और स्वयंसेवी संस्थाएं किसी तरह के वैक्सीनेशन कैंप को आयोजित नहीं कर सकती हैं. इससे आज जनता के लिए वैक्सीनेशन कैंप आयोजित करने वाली संस्थाओं के कामकाज पर असर पड़ा है. कई एनजीओ प्रतिनिधियों का मानना है कि देबांजन देब की गलती का खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ रहा है. आम जनता के वैक्सीनेशन की रफ्तार घट गई है. जबकि, मांग के हिसाब से वैक्सीन की आपूर्ति भी नहीं हो रही है. इस कारण वैक्सीनेशन का लक्ष्य भटक रहा है.

कुछ दिन पहले वैक्सीनेशन की रफ्तार को जारी रखने के लिए वेस्ट बंगाल ट्रेड एसोसिएशन के अलावा बीएआई कोलकाता, सीबीडीए एंड नार्थ कैम्पस ने 500 लोगों को वैक्सीन दी थी. वैक्सीन देने का काम कोलकाता जिमखाना क्लब में शनिवार को हुआ था. इस दौरान आईपीएस रूपेश सिंघल, राहुल मेहता, कृष्णा सिंघल, विष्णु कुमार बजाज, संजय कुंडलिया, आलोक जैन विशेष रूप से मौजूद थे. इसके अगले दिन भी वैक्सीनेशन कैंप का ऐलान किया गया था. लेकिन, राज्य सरकार के ऐलान के बाद शिविर का आयोजन नहीं हो पा रहा है. इससे आम जनता परेशान है.

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आयोजकों के मुताबिक वैक्सीनेशन का काम काफी व्यापक है. इसे सिर्फ सरकार के भरोसे पूरा नहीं किया जा सकता है. अगर निजी संस्थाएं और एनजीओ वैक्सीनेशन में आगे आती हैं तो इस अभियान को काफी गति मिलेगी. इसे देखते हुए राज्य सरकार को तुरंत वैक्सीनेशन कैंप चलाने की इजाजत देनी चाहिए. इससे वैक्सीनेशन के नाम पर स्वार्थी तत्व भी फायदा नहीं उठा सकेंगे. संस्थाओं की दलील है कोरोना संकट की दूसरी लहर के बीच उन्होंने ऑक्सीजन समेत जरूरी उपकरण मरीजों को मुहैया कराने में अपना योगदान दिया था. इसको देखकर स्वयंसेवी संस्थानों और निजी वैक्सीनेशन ड्राइव को पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार जल्द से जल्द मंजूरी दे.

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