Farm Bills 2020: कृषि बिल में क्या है खास, किसानों को कैसे होगा इसका फायदा, वीडियों में जाने सब कुछ

Farm Bills 2020: मोदी सरकार (Modi Government) ने कृषि संबंधी विधेयकों को सदन के दोनों सदनों से पास करा लिया है.किसान इनका विरोध कर रहे हैं, विपक्ष सरकार पर निशाना साध रही है, वही मोदी सरकार इन्हें किसानों के हित वाला और एक एक दूरदर्शी कदम बता रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 20, 2020 9:33 PM

किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020

मोदी सरकार (Modi Government) ने कृषि संबंधी विधेयकों (Farm Bills 2020) को सदन के दोनों सदनों से पास करा लिया है. संसद के उच्च सदन राज्यसभा में रविवार को कृषि संबंधी विधेयक ध्वनि मत से पारित हो गया. किसान नेताओं में सरकार के इस बिल के खिलाफ काफी गुस्सा है.पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में कृषि से जुड़े विधेयकों को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. किसान इनका विरोध कर रहे हैं, विपक्ष सरकार पर निशाना साध रही है, वही मोदी सरकार इन्हें किसानों के हित वाला और एक एक दूरदर्शी कदम बता रही है. आइये जानते हैं इन बिल के बारे में-

1- इस बिल में एक ऐसा इकोसिस्टम बनाने का प्रावधान है जहां किसानों और व्यापारियों को मंडी से बाहर फ़सल बेचने की आज़ादी होगी.अध्यादेश अनुमति देता है कि उपज का राज्यों के बीच और राज्य के भीतर व्यापार एपीएमसी एक्ट्स के अंतर्गत गठित मार्केट के बाहर भी किया जा सकता है.

2- इस कानून को सरकार ने कांट्रैक्ट फार्मिंग के मसले पर लागू किया है. इससे खेती का जोखिम कम होगा और किसानों की आय में सुधार होगा. समानता के आधार पर किसान प्रोसेसर्स, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा कारोबारियों, निर्यातकों आदि के साथ जुड़ने में सक्षम होगा.

3-अध्यादेश के अनुसार व्यापार क्षेत्र में किसान उपज की इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की अनुमति देता है. इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग और ट्रांज़ैक्शन प्लेटफॉर्म को तैयार किया जा सकता है ताकि किसान उपज को इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और इंटरनेट के जरिए खरीदा और बेचा जा सके तथा उसकी फिजिकल डिलिवरी की जा सके.

4-अध्यादेश के अंतर्गत कोई भी व्यापार करने पर राज्य सरकार किसानों, व्यापारियों और इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स से कोई बाजार फीस, सेस या प्रभार नहीं वसूलेगी.

5- इस कानून के लागू हो जाने से किसानों के लिए एक सुगम और मुक्त माहौल तैयार हो सकेगा, जिसमें उन्हें अपनी सुविधा के हिसाब से कृषि उत्पाद खरीदने और बेचने की आजादी होगी और ‘एक देश, एक कृषि मार्केट’ बनेगा.

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