असम में रह रही वो एकमात्र पाकिस्तानी महिला, जिसे वतन वापस क्यों नहीं भेजना चाहते CM हिमंत बिस्वा

Pahalgam Terror Attack: पिछले हफ्ते पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने देश में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को तत्काल भारत छोड़ने का आदेश दिया था. इस आदेश की डेडलाइन अब पूरी हो चुकी है, लेकिन असम से एक विशेष मामला सामने आया है, जहां एक पाकिस्तानी महिला नागरिक अभी भी भारत में रह रही हैं. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है और केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि इस महिला को पाकिस्तान न भेजा जाए.

By Ayush Raj Dwivedi | April 28, 2025 1:35 PM

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने देश में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को तत्काल भारत छोड़ने का आदेश दिया था. इस आदेश की डेडलाइन भी अब पूरी हो चुकी है. इस बीच एक विशेष मामला असम से सामने आया है, जहां एक पाकिस्तानी महिला नागरिक अभी भी रह रही हैं. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने खुद इस बात की पुष्टि की है और केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि उसे वापस पाकिस्तान न भेजा जाए.

हिमंत बिस्वा ने क्यों की एक पाकिस्तानी महिला के लिए अपील

मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि उक्त महिला की शादी तिनसुकिया जिले के एक भारतीय नागरिक से हुई है और वह असम में दीर्घकालिक वीजा (LTV) पर रहने की इच्छुक हैं. इस विषय में राज्य सरकार ने केंद्र से औपचारिक स्पष्टता मांगी है. सरमा ने कहा, ‘तिनसुकिया जिले में केवल एक ही पाकिस्तानी नागरिक रह रही हैं और उन्होंने एक स्थानीय व्यक्ति से विवाह किया है. उन्होंने LTV के लिए आवेदन दिया है. हम चाहते हैं कि केंद्र यह स्पष्ट करे कि क्या उन्हें वापस भेजा जाएगा या रहने की अनुमति दी जाएगी.’

मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि इस महिला के अलावा असम में कोई अन्य पाकिस्तानी नागरिक मौजूद नहीं है. हालांकि, सुरक्षा कारणों से महिला की पहचान उजागर नहीं की गई है.

चार दिन में लौटे 500 से अधिक पाक नागरिक

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह पहलगाम में हुए हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के नागरिकों को लेकर सख्त रुख अपनाया. केंद्र ने अल्पकालिक वीजा (Short Term Visa) पर भारत में रह रहे पाकिस्तानियों को 12 कैटेगरी के तहत देश छोड़ने का आदेश दिया था.

इस आदेश के तहत 24 अप्रैल से 27 अप्रैल के बीच 537 पाकिस्तानी नागरिक—जिनमें 9 राजनयिक और अधिकारी भी शामिल हैं—भारत छोड़कर पाकिस्तान वापस लौट गए. वहीं, इसी अवधि में पाकिस्तान से भी 850 भारतीय नागरिक, जिनमें 14 राजनयिक और अधिकारी शामिल हैं, वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत लौटे.