Bans High Dose Nimesulide : सरकार ने नाइमेसुलाइड की हाई डोज वाली ओरल दवाओं पर लगाया प्रतिबंध

Bans High Dose Nimesulide : नाइमेसुलाइड, जो एक नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा (NSAID) है, लंबे समय से दुनिया भर में इसके संभावित लिवर को नुकसान पहुंचाने और अन्य दुष्प्रभावों को लेकर जांच और चिंता के दायरे में रही है.

By Amitabh Kumar | December 31, 2025 12:53 PM

Bans High Dose Nimesulide : सरकार ने मानव स्वास्थ्य को होने वाले खतरे और सुरक्षित विकल्प उपलब्ध होने का हवाला देते हुए 100 मिलीग्राम से अधिक नाइमेसुलाइड वाली दर्द और बुखार की सभी ओरल दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू होगा, ताकि दुष्प्रभावों के जोखिम को कम किया जा सके.

29 दिसंबर 2025 को जारी एक अधिसूचना के माध्यम से सरकार ने नाइमेसुलाइड की हाई डोज वाली ओरल दवाओं पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है. यह कार्रवाई औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की धारा 26ए के तहत की गई है और इससे पहले ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड से परामर्श लिया गया. स्वास्थ्य मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा कि 100 मिलीग्राम से अधिक नाइमेसुलाइड वाली तत्काल रिलीज डोज वाली सभी ओरल दवाओं का उपयोग मानव स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा हो सकता है. साथ ही, बाजार में इसके सुरक्षित विकल्प भी उपलब्ध हैं, इसलिए यह फैसला लिया गया है.

यह क्यों महत्वपूर्ण है?

नाइमेसुलाइड, जो एक नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा (NSAID) है, लंबे समय से इसके संभावित लिवर को नुकसान पहुंचाने और अन्य दुष्प्रभावों को लेकर वैश्विक स्तर पर जांच के दायरे में रही है. भारत का यह कदम दवाओं की सुरक्षा मानकों को और सख्त करने तथा अधिक जोखिम वाली दवाओं को चरणबद्ध तरीके से हटाने की व्यापक नीति के अनुरूप है.

यह प्रतिबंध मानव उपयोग के लिए नाइमेसुलाइड की हाई डोज वाली दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर लागू होगा, जिससे ये उत्पाद घरेलू बाजार से पूरी तरह हट जाएंगे. हालांकि कम खुराक वाली दवाएं और अन्य उपचार विकल्प उपलब्ध रहेंगे. नाइमेसुलाइड आधारित दवाएं बेचने वाली दवा कंपनियों को उत्पादन रोकना होगा और प्रभावित बैच वापस मंगाने होंगे.

बड़ी दवा कंपनियों पर इसका सीमित असर

विशेषज्ञों के मुताबिक बड़ी दवा कंपनियों पर इसका सीमित असर पड़ेगा, क्योंकि कुल एनएसएआईडी बिक्री में नाइमेसुलाइड की हिस्सेदारी कम है. लेकिन जिन छोटी कंपनियों की निर्भरता इस दवा पर ज्यादा है, उन्हें राजस्व दबाव का सामना करना पड़ सकता है.