New Education Policy 2020: नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य बनेगा गुजरात

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू करना है और जल्द ही इसके लिए एक रोड मैप बनाने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2020 10:36 PM

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू करना है और जल्द ही इसके लिए एक रोड मैप बनाने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा.

रूपानी गांधीनगर में शिक्षक दिवस के अवसर पर 44 शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अनुवाद गुजराती में कर लिया गया है और जल्द ही गुजरात में लागू करने की रूपरेखा तैयार करने के लिए कार्यबल बनाया जा रहा है.’’

उन्होंने कहा कि इस रूपरेखा के आधार पर राज्य शिक्षा में आमूल-चूल परिवर्तन करेगा, यह बदलाव प्राथमिक से माध्यमिक और उच्च शिक्षा तक और केजी से पीजी (किंडरगार्टन से परास्नातक) तक होगा. इस कार्यक्रम में राज्यपाल आचार्य देवव्रत, राज्य के शिक्षा मंत्री भूपिंदर सिंह चूडास्मा और शिक्षा राज्यमंत्री विभावरी दवे एवं शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

रूपानी ने कहा “औद्योगिकीकरण के युग में जब लोग केवल अपने और अपने करियर के बारे में परवाह करते हैं, यह शिक्षक हैं, जो कम वेतन दिए जाने के बावजूद एक नई पीढ़ी का निर्माण करते हैं और लोगों को भविष्य के भारत की देखभाल करने के लिए तैयार करते हैं,.”

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राज्य में शिक्षकों और स्कूलों की ताकत के कारण है कि उनकी सरकार ने इस प्रवृत्ति को उलट दिया है, जिससे अभिभावक अपने बच्चों को निजी से सरकारी स्कूलों में भेज रहे हैं.

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले महीने नई शिक्षा नीति-2020 की घोषणा कर देश की 34 साल पुरानी, 1986 में बनी शिक्षा नीति को बदल दिया. नई नीति का लक्ष्य भारत के स्कूलों और उच्च शिक्षा प्रणाली में इस तरह के सुधार करना है कि देश दुनिया में ज्ञान की ‘सुपरपॉवर’ कहलाए. शिक्षा नीति के तहत पांचवीं कक्षा तक के बच्चों की पढ़ाई उनकी मातृ भाषा या क्षेत्रीय भाषा में होगी, बोर्ड परीक्षाओं के महत्व को इसमें कुछ कम किया गया है, विधि और मेडिकल कॉलेजों के अलावा अन्य सभी विषयों की उच्च शिक्षा के एक एकल नियामक का प्रावधान है, साथ ही विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए समान प्रवेश परीक्षा की बात कही गई है.

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