नगालैंड कांड में भारतीय सेना के विशेष बल के खिलाफ FIR, पुलिस का दावा, नागरिकों की हत्या ही था इरादा

नगालैंड केस(Nagaland case) में भारतीय सेना के आर्मी यूनिट के खिलाफ नगालैंड पुलिस ने एफआईआर दर्ज कराया है, पुलिस ने दावा किया है कि जवानों का इरादा नागरिकों की हत्या करना था. वहीं, पूरे मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी गठित की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2021 10:31 AM

नगालैंड कांड(Nagaland case) को लेकर पुलिस ने भारतीय सेना के 21 पैरा विशेष बलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है. नगालैंड पुलिस ने दर्ज की गई प्राथमिकी में सेना के विशेष दल पर ये आरोप लगाया है कि सुरक्षा बलों का इरादा नागरिकों की हत्या और उन्हें घायल करना था. दर्ज एफआईआर में ये कहा गया है कि सेना के 21 पैरा स्पेशल बलों ने असम सीमा के पास नगालैंड के मोन जिले के ओटिंग में ताबड़तोड़ गोलीबारी की. इस गोलीबारी में 13 ग्रामीणों की मौत हो गई. एफआईआर में साफतौर पर आरोप लगाया गया है कि नागरिकों की हत्या करना ही आर्मी यूनिट का इरादा था. वहीं, आपको बता दें कि राज्य सरकार ने पूरे मामले की जांच के एसआईटी टीम गठित की है.

वहीं, एनडीटीवी का दावा है कि नगालैंड पुलिस के तरफ से दर्ज एफआईआर की कॉपी उसके पास है. जानकारी के अनुसार पुलिस के तरफ से दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि घटना के समय कोई पुलिस गाइड नहीं था और न ही सुऱक्षा बलों ने पुलिस थाने में उग्रवादियों के खिलाफ अपने ऑपरेशन के लिए गाइड देने मांग की थी. जिससे ये साफ है कि आर्मी यूनिट का इरादा नागरिकों की हत्या करना और उन्हें घायल करना ही था.

क्या है पूरा मामला

दरअसल नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों की अंधाधुंन फायरिंग की तीन घटनाओं हुई थी. जिसमें जवानों की गोलियों से कम से कम 14 लोगों की मौत और 11 लोग घायल हो गए थे. पुलिस ने बताया कि फायरिंग की पहली घटना संभवत: गलत पहचान दिए जाने के कारण हुई थी. जिसके बाद दंगे भड़के और एक जवान की मौत हो गई. सुरक्षाबलों को प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड के युंग ओंग के एक धड़े की गतिविधियों की सूचना मिली जिसमें अभियान चला रहे सुरक्षाबलों ने गलतफहमी में एक गाड़ी पर कथित रूप से फायरिंग की जिसमें 6 मजदूर मारे गए.

कोर्ट ऑफ इन्कवायरी के आदेश

सेना ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए घटना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया है. इस घटना में एक सैनिक की मौत हुई है जबकि कई जवान घायल हुए हैं. सेना ने इसमें कहा है कि यह घटना ‘अत्यंत खेदजनक’ है लोगों की मौत होने कारण घटना दुर्भाग्यपूर्ण हो गई है. जिसकी हाई लेवल जांच जरूरी है. आधिकारिक सूत्रों की माने तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को भी इस घटना की जानकारी दी गई है.

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वहीं, एक अधिकारी ने मामले को लेकर कहा कि “कई बार खुफिया जानकारी ऐसे ‘स्रोतों’ से आती है जो जल्दी पैसा बनाना चाहते हैं या प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाना चाहते हैं. जम्मू-कश्मीर में, सुरक्षा कर्मियों के अपने ‘सूत्रों’ द्वारा गुमराह किए जाने के बाद भी जाल में फंसने के उदाहरण पहले भी सामने आए हैं. ऐसे में अपने स्रोत के उद्देश्यों के बारे में बेहद सावधान रहना होगा”. वहीं आपको बता दें कि नगालैंड मामले पर आज सदन में चर्चा हो सकती है. इसे लेकर कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी और मणिकम टैगोर ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस जारी किया है.

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