MGNREGA Name Change : योजनाओं के नाम नेहरू…शिवराज सिंह चौहान ने प्रियंका गांधी पर किया कटाक्ष
MGNREGA Name Change : विपक्षी गठबंधन इंडिया के कई घटक दलों ने ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक’ के खिलाफ गुरुवार सुबह संसद परिसर में प्रदर्शन किया. इसके बाद ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर जोरदार कटाक्ष किया.
MGNREGA Name Change : लोकसभा ने गुरुवार को विपक्ष के विरोध के बावजूद ‘विकसित भारत–जी राम जी विधेयक, 2025’ पारित कर दिया. इस दौरान ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने महात्मा गांधी के आदर्शों को खत्म किया, जबकि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार उन्हें जीवित रखे हुए है.
ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष के हंगामे पर लोकसभा में कहा कि अपनी बात कहना है और फिर जवाब नहीं सुनना भी ‘हिंसा’ है. विपक्ष के लोग बापू के आदर्शों के खिलाफ काम कर रहे हैं. कांग्रेस के लोग मनरेगा के नाम ढोंग करते हैं, मोदी सरकार काम करती है. चौहान ने प्रियंका गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि नाम रखने की सनक कांग्रेस की है. बहुत सारी योजनाओं के नाम नेहरू परिवार को महिमामंडित करने के लिए रखे गए.
#WinterSession2025
— SansadTV (@sansad_tv) December 18, 2025
Union Minister @ChouhanShivraj replies to the discussion on The Viksit Bharat – Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission (Gramin): VB – G Ram G Bill, 2025 in Lok Sabha.@MoRD_GoI @LokSabhaSectt #VBGRAMGBill #LokSabha #RajyaSabha
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विपक्ष ने जी राम जी विधेयक संसदीय समिति के पास भेजने की मांग उठाई
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मनरेगा की जगह सरकार द्वारा लाए गए ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ को विचार-विमर्श के लिए संसदीय समिति को भेजने की विपक्ष की मांग को गुरुवार को अस्वीकार कर दिया. विधेयक पर बुधवार देर रात तक चर्चा के बाद गुरुवार को जब अध्यक्ष बिरला ने चर्चा का जवाब देने के लिए ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम लिया तो कांग्रेस के सांसद केसी वेणुगोपाल ने विधेयक को संसद की स्थायी समिति या संयुक्त समिति (जेपीसी) को भेजने की मांग उठाई.
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इस तरह विरोध करना गांधी के अहिंसा के सिद्धांत को तार-तार करना है: चौहान
स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि इस विधेयक को लेकर 99 सदस्यों ने विचार रखे. देर रात तक इस पर चर्चा हुई. सभी दलों के सदस्यों का विचार आया. मैंने विपक्ष के कहने से चर्चा का समय बढ़ा दिया. उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा कि इस तरह विरोध करना उचित परंपरा नहीं है. इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने विधेयक पर चर्चा का जवाब देना शुरू किया और कहा कि विपक्ष का इस तरह विरोध करना महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत को तार-तार करना है. इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी.
