Medical Students: यूक्रेन से लौटे छात्रों को बड़ी राहत, 30 जून तक डिग्री पूरी कर चुके छात्र दे सकेंगे FMG

Medical Students: कोरोना महामारी या रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भारत लौट वे छात्र जो अपने अंडरग्रेजुएट मेडिकल कोर्स के अंतिम वर्ष में थे, उन्हें फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट (FMG) परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2022 5:12 PM

Medical Students: विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए राहत देने वाली खबर सामने आई है. दरअसल, कोविड और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भारत लौटे अंतिम वर्ष के छात्रों, जिन्हें अपने संस्थानों से 30 जून 2022 या उससे पहले डिग्री प्राप्त हुई है, को फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट (FMG) परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने इस बारे में जानकारी दी है.

एनएमसी ने जारी किया नोटिस

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) द्वारा शुक्रवार को एक नोटिस जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि एफएमजी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद छात्रों को एक साल की बजाय दो साल की कम्पल्सरी रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप (CRMAI) करनी होगी. एनएमसी ने कहा कि विदेशी चिकित्सा स्नातक, दो साल सीआरएमआई पूरा करने के बाद ही पंजीकरण के लिए योग्य होंगे. आयोग ने कहा कि इन छात्रों को एक बार यह छूट दी गई है और भविष्य में ऐसा नहीं किया जाएगा.


29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश

NMC की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के 29 अप्रैल के आदेश के अनुसार, सूचित किया जाता है कि जो भारतीय छात्र अपने स्नातक चिकित्सकीय पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में थे, जिन्हें कोविड-19, रूस-यूक्रेन युद्ध आदि के चलते विदेशी चिकित्सा संस्थान छोड़ना पड़ा था और जिन्हें बाद में अपने संस्थान से पाठ्यक्रम पूरा करने का प्रमाण पत्र 30 जून 2022 या उसके पहले मिल चुका है, उन्हें एफएमजी परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी. आयोग ने कहा कि एफएमजी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, ऐसे विदेशी चिकित्सा स्नातकों को क्लिनिकल प्रशिक्षण के लिए दो साल तक सीआरएमआई करना होगा.

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