मराठा आरक्षण पर तेज हो रही है राजनीति, महाराष्ट्र सरकार ने दायर की पुनर्विचार याचिका

मराठा आरक्षण को लेकर महारष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश देते हुए साल 2018 में पारित मराठा आरक्षण के कानून पर रोक लगा दी है. इस रोक केबाद सरकारी नौकरियों में शिक्षा में मराठा को आरक्षण मिलता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2020 5:40 PM

नयी दिल्ली : मराठा आरक्षण को लेकर महारष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश देते हुए साल 2018 में पारित मराठा आरक्षण के कानून पर रोक लगा दी है. इस रोक केबाद सरकारी नौकरियों में शिक्षा में मराठा को आरक्षण मिलता है.

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद महाराष्ट्र सरकार लगातार यह कोशिश कर रही है कि मराठियों के हक में फैसला हो. महाराष्ट्र सरकार की सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीट के समक्ष दायर याचिका पर क्या फैसला होता है यह तो वक्त के साथ ही पता चलेगा लेकिन इसे लेकर अब राजनीति तेज है.

भाजपा के राज्यसभा सांसद उदयनराजे भोसले भी मराठा आरक्षण के पक्ष में खड़े हुए और यहां तक कह दिया कि अगर मराठा आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार के पक्ष में फैसला नहीं होगा और आरक्षण पर संकट होगा तो वह इस्तीफे के लिए तैयार हैं. भोसले ने सतारा में कहा, ‘मैंने इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं की है. अगर इस मुद्दे को लेकर जरूरत पड़ी तो मैं इस्तीफा भी दे दूंगा.

Also Read:
उमर खालिद ने मांगी परिवार से मिलने की इजाजत, कोर्ट ने याचिका की खारिज

भोसले ने यह भी कहा कि बात मराठा आरक्षण की नहीं है बात है न्याय की. इस तरह का अन्याय किसी के साथ भी होता तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. मैं यह सिर्फ मराठियों के लिए कर रहा हूं ऐसा नहीं है मैं यह किसी भी समुदाय के लिए करने को तैयार हूं. ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने मराठा समुदाय को नौकरी और शिक्षा में आरक्षण देने वाले महाराष्ट्र सरकार के कानून पर रोक लगा दी और अब इसे लेकर ही महाराष्ट्र सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की है.

Posted By – Pankaj Kumar Pathak

Next Article

Exit mobile version