Liver Day: स्वस्थ लिवर के लिए काम करने वाली संस्थाओं की सहायता करें कॉर्पोरेट क्षेत्र

गृह मंत्री अमित शाह ने लिवर डे पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सभी देशवासी अच्छा आहार, पर्याप्त पानी, पर्याप्त नींद और नियमित व्यायाम करें, बांकि आपके स्वास्थ्य की चिंता की जिम्मेदारी मोदी सरकार करेगी. उन्होंने लिवर के महत्व को बताने और लिवर के लिए काम करने वाली संस्थाओं को कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड के तहत सहायता करने का आह्वान भी किया, जिससे इसके प्रति देश भर में जागरूकता फैलाई जा सके.

By Anjani Kumar Singh | April 19, 2025 7:31 PM

Liver Day: लिवर हमारे शरीर की रचना और इसे स्वस्थ रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. हमारे शरीर के सभी अंगों में पुनर्जीवित होने की सबसे अधिक क्षमता यकृत में है क्योंकि यकृत ही पूरे शरीर को स्वस्थ रखने का मार्ग है. आज विश्व यकृत दिवस के अवसर पर पूरे देश की जनता को अपने यकृत के प्रति सजग, प्रयत्नशील और पूरी जानकारी के साथ यकृत को स्वस्थ रखने का संकल्प लेना चाहिए. यह बात केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने विश्व यकृत दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही.

स्वस्थ जीवनशैली के अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि मई 2020 से उनके जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है. शरीर की आवश्यकता के अनुसार जल, आहार, व्यायाम और नींद से उन्होंने अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल किया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने  2047 तक एक विकसित भारत की रचना करने का लक्ष्य रखा है जो हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो और विश्व का नेतृत्व करे. विकसित भारत की संकल्पना रोग ग्रस्त होकर नहीं की जा सकती. इसीलिए ये बहुत ज़रूरी है कि हर नागरिक स्वस्थ रहें.

स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर पर 65 हजार करोड़ रुपये खर्च 


अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने देश में स्वास्थ्य का इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए 65 हज़ार करोड़ रूपए खर्च कर हर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) को एक कम्प्लीट यूनिट बनाने की व्यवस्था की है. जेनेरिक दवाओं के लिए आज देश में 15 हज़ार से अधिक जनऔषधि केन्द्रों का नेटवर्क तैयार कर 80 प्रतिशत तक सस्ती दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं. बच्चे के जन्म से 15 साल की आयु तक मिशन इंद्रधनुष के तहत उसके मुफ्त टीकाकरण की व्यवस्था की और 1 करोड़ 32 लाख माताओं को भी टीका लगाया. ई-संजीवनी ऐप के तहत देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े स्वास्थ्य संस्थानों से 30 करोड़ 90 लाख से अधिक डिजिटल डॉक्टरी परामर्श देने का काम पूरा हुआ है.

2014 में देश में 7 एम्स थे, आज 23 हैं, मेडिकल कॉलेज 387 थे, आज 780 हैं, एमबीबीएस सीटें 51 हज़ार थीं जो आज 1 लाख 18 हज़ार हो गई हैं और अब इनमें 75 हज़ार सीटें और बढ़ने जा रही हैं. इसके साथ-साथ, पीजी की सीटें 31 हज़ार थीं जो आज बढ़कर 74 हज़ार हो गई हैं. उन्होंने कहा कि 2014 में देश का स्वास्थ्य का बजट 37 हज़ार करोड़ रुपए था जिसे आज प्रधानमंत्री मोदी ने बढ़ाकर 1 लाख 27 हज़ार करोड़ रुपए कर दिया है.