जावेद हबीब की बढ़ी मुश्किलें, महिला आयोग ने भेजा नोटिस, 11 जनवरी तक पेश होने के आदेश

जावेद हबीब के वायरल वीडियो पर अब महिला आयोग सख्त कार्रवाई के मूड में नजर आ रही है. राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW)ने शुक्रवार को उन्हें नोटिस भेजा कर 11 जनवरी 2022 तक आयोग के समक्ष पेश होने के आदेश दिए हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 7, 2022 7:56 PM

Jawed Habib Spitting Video: चर्चित हेयर स्टाइलिस्ट जावेद हबीब की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. महिला के बालों में थूककर बाल काटने वाले वायरल वीडियो पर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW)ने शुक्रवार को उन्हें नोटिस भेजा गया है. नोटिस में हबीब को 11 जनवरी तक आयोग के समक्ष पेश होने के आदेश दिए हैं जिसके बाद स्पष्ट कार्रवाई की जाएगी. नोटिस में एनसीडब्ल्यू ने उत्तर प्रदेश के पुलिस को वायरल वीडियो की सत्यता की जांच करने के भी आदेश दिए हैं. मुजफ्फरनगर के एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय ने मामले को लेकर कहा है कि स्थानीय पुलिस मामले की जांच कर रही है और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

क्या कहा गया नोटिस में? वहीं, जावेद हबीब को भेजे गए नोटिस में राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा है कि घटना को गंभीरता से लेते हुए आपको(जावेद हबीब) अपना बयान जमा करने के लिए 11.01.2022 को दोपहर 12.30 बजे आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया जाता है.

बता दें कि मशहूर हेयर स्टाइलिस्ट जावेद हबीब के महिला के बालों में थूकने वाला मामला काफी तुल पकड़ चुका है. सोशल मीडिया पर उनकी लोगों ने जमकर आलोचना की है तो वहीं, अब महिला आयोग ने भी उनपर सख्ती दिखाई है. हालांकि जावेद हबीब ने इस पूरे मामले को लेकर महिला से माफी भी मांगी है. जावेद हबीब ने सोशल मीडिया एक मैसेज डाल कर कहा कि अगर कुछ लोगों को इस बात से चोट पहुंची है तो मैं तहे दिल से माफी मांगता हूं. मेरा इरादा सिर्फ लोगों को सिखाना था. किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था.

क्या है मामला: हेयर स्टाइलिस्ट जावेद हबीब के वायरल वीडियो में हबीब को वहां आए लोगों से यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि यदि पानी की कमी है तो थूक का इस्तेमाल करो. मामले को लेकर पुलिस ने बताया कि बड़ौत शहर की निवासी पूजा गुप्ता की शिकायत पर यहां मंसूरपुर पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गयी है. शिकायत के अनुसार, कार्यशाला के दौरान हबीब ने पूजा गुप्ता के बालों पर थूका था. हबीब पर भारतीय दंड संहिता की धारा 355 और महामारी रोग कानून, 1897 के तहत मामला दर्ज करने का काम किया गया है.

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