जम्मू कश्मीर: रामबन जिले में करीब 50 सरपंचों और पंचों ने दिया इस्तीफा, पीडीपी ने बीजेपी पर साधा निशाना

Jammu Kashmir News जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के दो ब्लॉकों के करीब 50 सरपंचों और पंचों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. इन सभी ने विभिन्न मुद्दों को लेकर अपना इस्तीफा दिया है. अधिकारियों ने शनिवार को इस बारे में जानकारी दी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 9, 2021 6:36 PM

Jammu Kashmir News जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के दो ब्लॉकों के करीब 50 सरपंचों और पंचों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. इन सभी ने विभिन्न मुद्दों को लेकर अपना इस्तीफा दिया है. अधिकारियों ने शनिवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि निर्वाचित प्रतिनिधियों ने वादों के अनुसार सशक्तिरण नहीं करने, अनावश्यक हस्तक्षेप और केंद्र शासित प्रदेश में जनता तक पहुंचने के कार्यक्रमों में प्रशासन द्वारा उनकी अनदेखी किये जाने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया है.

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने बीजेपी सरकार पर ग्रामीण निकाय में प्रतिनिधियों के इस्तीफे को लेकर निशाना साधते हुए कहा है कि काल्पनिक सामान्य हालात और आंडबर को लेकर अब पोल खुल गई है. वहीं, अधिकारियों ने बताया कि जिला पंचायत अधिकारी अशोक सिंह ने विरोध कर रहे सदस्यों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है और उनसे इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया है. आश्वासन दिया गया है कि उनकी शिकायतों का शीघ्र दूर किया जाएगा. इस बारे में अशोक सिंह और इस्तीफा देने वाले प्रतिनिधियों की सोमवार को दूसरे चरण की बैठक प्रस्तावित है.

अधिकारियों के अनुसार, बनिहाल और रामसू ब्लॉक के करीब 50 सरपंचों और पंचों ने शुक्रवार को आपात बैठक के बाद सामूहिक रूप से ब्लॉक विकास परिषद के अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया. सरपंच गुलाम रसूल मट्टू, तनवीर अहमद कटोच और मोहम्मद रफीक खान ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा उनसे किए गए वादें अब भी कागजों तक सीमित हैं. अनदेखी का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में बेवजह हस्तक्षेप किया जा रहा है. जबकि, 30 सरकारी विभागों के कार्यों में ग्राम सभा की हिस्सेदारी का वादा क्रूर मजाक साबित हो रहा है.

जनसंपर्क अभियान के तहत हाल में केंद्रीय मंत्रियों के दौरों का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन उनके प्रोटोकॉल का सम्मान नहीं कर रहा है और केवल चुनिंदा प्रतिनिधियों को ही मंत्रियों से मुलाकात के लिए आमंत्रित किया जा रहा है, ताकि सरकार को भ्रमित किया जा सके. इधर, पंचों और सरपंचों के दो पन्नों का इस्तीफा ट्विटर पर साझा करते हुए पीडीपी के प्रवक्ता मोहित भान ने लिखा है, 55 पंचों और सरपंचों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. काल्पनिक समान्य हालत और आडंबर जिसका प्रदर्शन किया जा रहा था, उसकी पोल खुल गई है.

पीडीपी के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार न तो इन जनप्रतिनिधियों को सुरक्षित रख सकी और न ही उन्हें जनकल्याण के लिए सशक्त कर सकी. उन्होंने कहा कि सरकार का जमीनी स्तर तक लोकतंत्र ले जाने के दावे की पोल इन सामूहिक इस्तीफों से खुल गई है. पंचों और सरपंचों की केंद्रीय मंत्रियों के हालिया दौरों के दौरान अनदेखी की गई और प्रशासन उनके साथ सजावट की वस्तुत की तरह व्यवहार करना जारी रखे हुए है.

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