मोदी सरकार से आर्टिकल 370 की बहाली की उम्मीद करना मूर्खतापूर्ण, लेकिन जारी रहेगी लड़ाई : उमर अब्दुल्ला

नयी दिल्ली : नेशनल कांफ्रेंस (NC) चीफ फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) के बेटे और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में तुरंत आर्टिकल 370 (Article 370) की बहाली की मांग करना मूर्खतापूर्ण होगा. लेकिन हम आंदोलन जारी रखेंगे. 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के साथ हुई बैठक के बाद अब्दुल्ला ने इंडियन एक्सप्रेस से यह बात कही. उस बैठक में जम्मू कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्री सहित 14 लोग शामिल थे, जिसमें उमर भी थे. गुपकार संगठन के नेताओं ने बैठक से पहले आर्टिकल 370 का मुद्दा उठाया था, लेकिन बैठक में इसकी कोई चर्चा नहीं हुई.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 26, 2021 1:17 PM

नयी दिल्ली : नेशनल कांफ्रेंस (NC) चीफ फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) के बेटे और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में तुरंत आर्टिकल 370 (Article 370) की बहाली की मांग करना मूर्खतापूर्ण होगा. लेकिन हम आंदोलन जारी रखेंगे. 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के साथ हुई बैठक के बाद अब्दुल्ला ने इंडियन एक्सप्रेस से यह बात कही. उस बैठक में जम्मू कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्री सहित 14 लोग शामिल थे, जिसमें उमर भी थे. गुपकार संगठन के नेताओं ने बैठक से पहले आर्टिकल 370 का मुद्दा उठाया था, लेकिन बैठक में इसकी कोई चर्चा नहीं हुई.

5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू और कश्मीर एक केंद्रशासित प्रदेश बना दिया और आर्टिकल 370 को समाप्त कर दिया. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा को अनुच्छेद 370 के अपने राजनीतिक एजेंडे को पूरा करने में 70 साल लग गये. हमारा संघर्ष अभी शुरू हुआ है. हम लोगों को यह कहकर मूर्ख नहीं बनाना चाहते कि हम इन वार्ताओं में 370 वापस लायेंगे. यह उम्मीद करना मूर्खता होगी कि 370 वापस आ जायेगा. वर्तमान सरकार द्वारा इसे बहाल करने के कोई संकेत नहीं मिले हैं.

गुरुवार को तीन घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में, उमर अब्दुल्ला उन पांच व्यक्तियों में से एक थे जो कुछ बोल नहीं सके थे. अन्य चार लोग निर्मल सिंह, तारा चंद, गुलाम ए मीर और रविंदर रैना थे. उन्होंने बैठक को शुरुआत करार दिया. उन्होंने कहा कि यह एक पहला कदम है और यह विश्वास और विश्वास के पुनर्निर्माण के लिए एक लंबी यात्रा होगी.

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यह पूछे जाने पर कि क्या नेशनल कांफ्रेंस ने अनुच्छेद 370 की बहाली की अपनी मांग को छोड़ दिया है. अब्दुल्ला ने जोर देकर कहा कि गुरुवार की बैठक में इसे नहीं रखने का मतलब यह नहीं है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इसे छोड़ दिया है. हम इसे कानूनी, शांतिपूर्ण और संवैधानिक रूप से जारी रखेंगे. हम चतुराई से लड़ रहे हैं… यह सुप्रीम कोर्ट में लड़ा जा रहा है और हमारे पास अधिकतम मौका है.

अब्दुल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पूरी निष्पक्षता के साथ, बातचीत के लिए कोई शर्त नहीं रखी. बातचीत के लिए कोई पूर्व शर्त नहीं थी. हमें अपनी कोई भी मांग सरेंडर नहीं करनी पड़ी. हमने जो कुछ कहा या मांगा, उसके लिए उन्होंने हमें फटकार भी नहीं लगायी. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने खुद विधानसभा चुनाव, परिसीमन प्रक्रिया में तेजी लाने, चुनी हुई सरकार को जम्मू-कश्मीर और राज्य का दर्जा देने की बात कही है.

अब्दुल्ला ने कहा 5 अगस्त, 2019 के बाद, केंद्र सरकार और मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के बीच संचार पूरी तरह से टूट गया था. हमारे दो मूल उद्देश्य थे. एक, भारत सरकार से यह समझना कि उनके मन में क्या था और आगे के रोडमैप का विचार. दूसरा, हम भी अपनी बात रखना चाहते थे. अब्दुल्ला ने परिसीमन पर कहा कि यह पूरे देश में होना चाहिए. आपने जब जम्मू कश्मीर को विशेष नहीं रहने दिया तो परिसीमन केवल यहीं क्यों हो रहा है.

Posted By: Amlesh Nandan.

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