India–New Zealand Free Trade Agreement: टैरिफ, कृषि, निवेश और प्रतिभा पर आधारित नयी पीढ़ी की रणनीतिक साझेदारी
भारत और न्यूजीलैंड के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते से भारत को जहां वस्त्र, परिधान, चमड़ा, जूते, फार्मास्यूटिकल्स, इंजीनियरिंग सामान, ऑटोमोबाइल, कृषि उत्पाद, रत्न एवं आभूषण और हस्तशिल्प जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को बड़ा लाभ मिलेगा. वहीं न्यूजीलैंड की ओर से भारत को कंप्यूटर संबंधी सेवाएं, पेशेवर सेवाएं, ऑडियो-विजुअल, दूरसंचार, निर्माण, पर्यटन और यात्रा सहित 118 सेवा क्षेत्र और लगभग 139 उप-क्षेत्र शामिल हैं, जिनमें सर्वाधिक वरीयता पूर्ण राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा दिया जाएगा.
India–New Zealand Free Trade Agreement: भारत और न्यूजीलैंड के बीच एक व्यापक, संतुलित और भविष्योन्मुखी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) सोमवार को संपन्न हो गया. यह समझौता ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य के अनुरूप है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की आर्थिक व रणनीतिक उपस्थिति को और सशक्त बनाता है. इस मुक्त व्यापार समझौते से भारत को निर्यात होने वाले 95 प्रतिशत उत्पादों पर शुल्क कम हो जायेगा या पूरी तरह से समाप्त हो जायेगा.
यह समझौता घरेलू वस्तुओं विशेष रूप से श्रम-प्रधान क्षेत्रों से आने वाली वस्तुओं को शुल्क-मुक्त पहुंच प्रदान करेगा और इसमें 15 वर्षों में 20 अरब अमेरिकी डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की प्रतिबद्धता शामिल है. इससे पांच वर्षों में वस्तुओं और सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार दोगुना पांच अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.
द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को मिलेगा बढ़ावा
उद्योग जगत ने भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौते के लिए वार्ता संपन्न होने का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि प्रस्तावित समझौते से द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलने और दोनों देशों की कंपनियों के लिए विकास के नये अवसर पैदा होने की उम्मीद है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और न्यूजीलैंड के व्यापार एवं निवेश मंत्री टॉड मैक्ले के बीच औपचारिक वार्ता 16 मार्च 2025 को शुरू हुई थी. पांच औपचारिक दौर की बातचीत और कई आभासी बैठकों के बाद इस समझौते को अंतिम रूप दिया गया.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और न्यूजीलैंड के व्यापार एवं निवेश मंत्री श्री टॉड मैक्ले ने वार्ता को आगे बढ़ाया. समझौते वार्ता संपन्न होने पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “यह मुक्त व्यापार समझौता व्यापार को बढ़ावा देने, हमारे किसानों, उद्यमियों, छात्रों, महिलाओं और नवप्रवर्तकों के लिए नए अवसरों के साथ उपज और किसानों की आय को बढ़ाते हुए आधुनिक कृषि उत्पादकता को गति देता है. यह समझौता सुव्यवस्थित निर्यात के माध्यम से भारतीय व्यवसायों के लिए द्वार खोलता है और हमारे युवाओं को वैश्विक मंच पर सीखने, काम करने और आगे बढ़ने के विकल्प प्रदान करता है.
वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने इसे “शुल्क, कृषि उत्पादकता, निवेश और प्रतिभा पर आधारित एक नयी पीढ़ी का व्यापार समझौता बताया. यह भारत की क्षमता निर्यात को बढ़ावा देती हैं, श्रम-प्रधान विकास को समर्थन देती हैं और सेवाओं को सशक्त बनाती हैं. न्यूजीलैंड की भारत की विशाल और बढ़ती अर्थव्यवस्था तक अधिक पहुंच छात्रों, पेशेवरों और कुशल श्रमिकों की आवाजाही को एकजुट करती है.”
किन क्षेत्रों को मिलेगा लाभ
समझौते के तहत भारत के शत-प्रतिशत निर्यात पर न्यूजीलैंड के बाजार में शून्य शुल्क की सुविधा मिलेगी. भारत ने न्यूजीलैंड के साथ द्विपक्षीय व्यापार के 95 प्रतिशत हिस्से के लिए 70 प्रतिशत क्षेत्रों में टैरिफ उदारीकरण की पेशकश की है. इससे वस्त्र, परिधान, चमड़ा, जूते, फार्मास्यूटिकल्स, इंजीनियरिंग सामान, ऑटोमोबाइल, कृषि उत्पाद, रत्न एवं आभूषण और हस्तशिल्प जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को बड़ा लाभ मिलेगा. वहीं न्यूजीलैंड ने भारत को कंप्यूटर संबंधी सेवाएं, पेशेवर सेवाएं, ऑडियो-विजुअल, दूरसंचार, निर्माण, पर्यटन और यात्रा सहित 118 सेवा क्षेत्र और लगभग 139 उप-क्षेत्र शामिल हैं, जिनमें सर्वाधिक वरीयतापूर्ण राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा दिया जाएगा.
न्यूजीलैंड में अध्ययन के बाद कार्य वीजा और पेशेवर अवसरों के माध्यम से बिना किसी संख्यात्मक सीमा के यह समझौता छात्रों की गतिशीलता को बढ़ावा देगा. इसके तहत विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) में स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए 3 वर्ष तक और डॉक्टरेट शोधार्थियों के लिए 4 वर्ष तक के अध्ययन के बाद कार्य करने का अधिकार होगा. वहीं घरेलू किसानों की सुरक्षा के लिए डेयरी, दूध, क्रीम, पनीर, दही, प्याज, चीनी, मसाले, खाद्य तेल और रबर जैसे संवेदनशील उत्पादों को बाजार पहुंच से बाहर रखा गया है.
भारत-न्यूजीलैंड के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2024-25 में 1.3 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जबकि वस्तुओं और सेवाओं का कुल व्यापार वर्ष 2024 में लगभग 2.4 बिलियन डॉलर रहा, जिसमें यात्रा, आईटी और व्यावसायिक सेवाओं के नेतृत्व में सेवाओं का व्यापार अकेले 1.24 बिलियन डॉलर तक रहा.
