India-China Dispute : ‘चीन से भारत को करना होगा मुकाबला’, एस जयशंकर ने दिया ये बड़ा बयान

India-China Dispute : लद्दाख बॉर्डर पर चीन के साथ चल रही टेंशन के बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने कहा कि भारत को चीन का मुकाबला करने के लिए तैयार होना ही होगा. आपको बता दें कि विदेश मंत्री का यह बयान चीन के साथ 5वें दौर की बातचीत से पहले आया. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने यह खबर दी है जो उनसे बातचीत पर आधारित है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2020 11:53 AM

PoIndia-China Dispute : लद्दाख बॉर्डर पर चीन के साथ चल रही टेंशन के बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने कहा कि भारत को चीन का मुकाबला करने के लिए तैयार होना ही होगा. आपको बता दें कि विदेश मंत्री का यह बयान चीन के साथ 5वें दौर की बातचीत से पहले आया. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने यह खबर दी है जो उनसे बातचीत पर आधारित है.

अखबार से बातचीत के क्रम में चीन के मुद्दे पर एस जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ संतुलन तक पहुंचना आसान नहीं है. भारत को उसका विरोध करना ही पडेगा…यही नहीं मुकाबले के लिए भी खड़ा होना होगा. पडोसी देश चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए जयशंकर ने यह भी कहा कि इस तनाव का असर दोनों देशों के व्यापार पर पड़ना तय है.

भारतीय और चीनी कमांडरों के बीच वार्ता: इधर भारत और चीनी सेना के कमांडर पूर्वी लद्दाख में पेगोंग सो जैसे टकराव वाले स्थानों से पीछे हटने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए आज रविवार को नये सिरे से बातचीत कर रहे हैं. यह बैठक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की तरफ मोलदो में निर्धारित बैठक स्थल पर सुबह 11 बजे से जारी है.

इसपर हो सकती है बात : सूत्रों ने बताया कि कोर कमांडर स्तर की पांचवे चरण की वार्ता में मुख्य ध्यान टकराव वाले स्थानों से सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने और दोनों सेनाओं के पीछे के अड्डों से बलों एवं हथियारों को हटाने के लिए एक रूपरेखा तैयार करने पर होगा. सैनिकों के पीछे हटने की औपचारिक प्रक्रिया छह जुलाई को शुरू हुई थी जब क्षेत्र में तनाव कम करने के तरीकों पर एक दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच लगभग दो घंटे फोन पर बातचीत हुई.

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गलवान घाटी से पीछे हट चुकी है सेना : चीनी सेना गलवान घाटी और टकराव वाले कुछ अन्य स्थानों से पहले ही पीछे हट चुकी है लेकिन भारत की मांग के अनुसार पेगोंग सो में फिंगर इलाकों से सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है. भारत इस बात पर जोर देता रहा है कि चीन को फिंगर फोर और फिंगर एट के बीच वाले इलाकों से अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहिए. दोनों पक्षों के बीच 24 जुलाई को, सीमा मुद्दे पर एक और चरण की कूटनीतिक वार्ता हुई थी. वार्ता के बाद, विदेश मंत्रालय ने कहा था कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए द्विपक्षीय समझौते एवं प्रोटोकॉल के तहत एलएसी के पास से सैनिकों का जल्द एवं पूरी तरह पीछे हटना जरूरी है.

Posted By : Amitabh Kumar

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