आत्महत्या से पहले आईआईटी छात्र ने पिता से की 30 मिनट तक बात, परिवार ने जताई हत्या की आशंका

मुंबई पुलिस ने कहा कि उसने मामले की जांच के सिलसिले में छात्रावास में लड़के के साथ रहने वाले विद्यार्थियों के बयान दर्ज करना शुरू कर दिया है. मुंबई में पुलिस ने कहा कि छात्र दर्शन सोलंकी (18) ने रविवार को अपनी जान लेने से पहले करीब 30 मिनट तक अहमदाबाद में अपने पिता से बात की थी.

By ArbindKumar Mishra | February 16, 2023 1:11 PM

आईआईटी-बंबई के कथित तौर पर आत्महत्या करने वाले छात्र के परिवार ने दावा किया है कि उसे अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से संबंधित होने के कारण प्रमुख संस्थान में भेदभाव का सामना करना पड़ा. परिवार वालों ने हत्या की आशंका जतायी है.

पुलिस का दावा, आत्महत्या से पहले छात्र थी 30 मिनट तक की थी पिता से बात

मुंबई पुलिस ने कहा कि उसने मामले की जांच के सिलसिले में छात्रावास में लड़के के साथ रहने वाले विद्यार्थियों के बयान दर्ज करना शुरू कर दिया है. मुंबई में पुलिस ने शुरुआती जांच का हवाला देते हुए कहा कि छात्र दर्शन सोलंकी (18) ने रविवार को अपनी जान लेने से पहले करीब 30 मिनट तक अहमदाबाद में अपने पिता से बात की थी, लेकिन संस्थान में जातीय भेदभाव के बारे में कुछ नहीं कहा था. मुंबई में पवई स्थित संस्थान ने पक्षपात के आरोपों को खारिज किया है और छात्रों से पुलिस और आंतरिक जांच खत्म होने तक इंतजार करने का आग्रह किया है.

छात्रावास की इमारत की सातवीं मंजिल से दर्शन सोलंकी ने लगायी थी छलांग

दर्शन सोलंकी (18) की रविवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के पवई परिसर में एक छात्रावास की इमारत की सातवीं मंजिल से कथित तौर पर छलांग लगाने से मौत हो गई थी. वह अहमदाबाद का रहने वाला था और बी.टेक (केमिकल) पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष का छात्र था.

Also Read: आईआईटी बॉम्बे के छात्र ने हॉस्टल की सातवीं मंजिल से कूद कर दी जान, जातिगत भेदभाव का लग रहा आरोप

दर्शन की मौत को हत्या से जोड़ा जा रहा

दर्शन सोलंकी का परिवार अहमदाबाद शहर के मणिनगर इलाके में रहता है और परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि दर्शन को दलित होने के कारण भेदभाव का सामना करना पड़ा, वह आत्महत्या नहीं कर सकता था. दर्शन की मां तरलिकाबेन सोलंकी ने कहा, मुझे लगता है कि मेरे बेटे की हत्या की गई है. मृत्यु के कुछ घंटे पहले, उसने हमें फोन किया था लेकिन उसने सामान्य रूप से बात की और ऐसा कोई संकेत नहीं दिया कि वह किसी तनाव में है. हालांकि, जब वह मकर संक्रांति के दौरान घर आया था, तो उसने अपनी चाची को बताया था कि अन्य छात्र उससे दूरी बना रहे हैं. वे इसलिए विक्षुब्ध थे क्योंकि दर्शन ने इतनी प्रगति की थी.

पिता ने जतायी हत्या की आशंका

दर्शन के पिता रमेशभाई ने आरोप लगाया कि संस्थान के साथ-साथ अस्पताल के अधिकारियों ने मामले को छिपाने की कोशिश की और उनके मुंबई पहुंचने से पहले ही पोस्टमार्टम कर दिया. उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि यह आत्महत्या का मामला है. अगर आप सातवीं मंजिल से गिरेंगे तो आपको कई चोटें लगेंगी. लेकिन, पोस्टमॉर्टम के बाद जब मैंने अपने बेटे का चेहरा देखा तो मुझे कोई चोट के निशान नहीं दिखे. यह कैसे संभव है? और तो और, पोस्टमार्टम जल्दबाजी में किया गया और वह भी हमारी अनुमति के बिना. मुझे पोस्टमार्टम के बाद केवल उसका चेहरा देखने की अनुमति दी गई.

Next Article

Exit mobile version