सिद्धू का जोरदार विरोध, किसानों ने दिखाये काले झंडे, किसान करना चाहते थे यह सवाल

पंजाब कांग्रेस के नये प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को लुधियाना में अजीबो-गरीब स्थिति का सामना करना पड़ा. दरअसल प्रदेश अध्यक्ष बनने रे बाद सिद्धू लुधियाना के नवांशहर गये थे. लेकिन किसानों ने उनके स्वागत में काले झंडे दिखाये और उनके खिलाफ नारेबाजी की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2021 9:33 AM
  • लुधियाना के नवांशहर में सिद्धू का विरोध

  • कई गुस्साये किसानों ने दिखाये काले झंडे

  • सिद्धू के खिलाफ की नारेबाजी

पंजाब कांग्रेस के नये प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को लुधियाना में अजीबो-गरीब स्थिति का सामना करना पड़ा. दरअसल प्रदेश अध्यक्ष बनने रे बाद सिद्धू लुधियाना के नवांशहर गये थे. लेकिन किसानों ने उनके स्वागत में काले झंडे दिखाये और उनके खिलाफ नारेबाजी की. नवांशहर के भगत सिंह मार्ग पर किसानों ने उन्हें काले झंडे दिखाए.

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानून के खिलाफ किसानों का एक दल आंदोलन कर रहा था. इस बीच किसानों का वह दल सिद्धू से कुछ सवाल करना चाहता था लेकिन जब बात नहीं बनी तो किसानों ने सिद्धू के काफिले को देखकर काले झंडे लहराने लगे. और उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे.

टकराव की बन गई थी स्थिति: सड़क के एक तरफ खड़े होकर किसान काले झंडे लहरा रहे थे, और सिद्धू के खिलाफ नारे लगा रहे थे. तो वहीं सड़के के दूसरी तरफ सिद्धू के समर्थक और कांग्रेस कार्यकर्ता खड़े थे, एसे में दोनों पक्षों के बीच टकराव की नौबत आ गयी. हालांकि पुलिस ने ततपरपता दिखाते हुए मामले को संभाल लिया. और शांतिपूर्ण तरीके से मामला सुलझ गया.

वहीं, मीडिया रिपोर्ट में खबर है कि सिद्धू शहाद भगत सिंह के स्मारक में माथा टेकने गये थे. इसी समय कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को सिद्धू के पहुंचने की भनक लगी. जिसके बाद आंदोलन कर रहे किसान सिद्धू से सवाल करने मौके पर पहुंच गये. लेकिन मुलाकात नहीं होने पर उन्होंने काले झंडे दिकाये और सिद्धू के खिलाफ नारे लगाने लगे. वहीं, इस मामले में कांग्रेस का कहना है कि शुद्धू शुरू से ही किसानों के हक में बोलले रहे हैं.

गौरतलब है कि बीजेपी से कांग्रेस में जाने के बाद से ही सिद्धू को लेकर पंजाब की सियासत गरमाई हुई है. पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तनाव बना हुआ है. हालांकि, कांग्रेस आलाकमान ने हस्तक्षेक कर मामला सुझाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी. हालांकि, इससे बाद भी हाईकमान ने सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया.

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Posted by: Pritish Sahay

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