“जब अपनों ने छोड़ा साथ, भगवान बने सहारा… आर्मी के रिटायर्ड अफसर ने मंदिर में दान कर दी करोड़ो की संपत्ति

Ex-Army Man Donated Property: तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिले में एक पूर्व सैनिक ने परिवार से मिले अपमान के बाद अपनी करोड़ों की संपत्ति भगवान को समर्पित कर दी. अरुलमिगु रेणुगांबल अम्मन मंदिर की दान पेटी में 24 जून को जब 4 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज मिले, तो मंदिर ट्रस्ट हैरान रह गया.

By Ayush Raj Dwivedi | June 26, 2025 11:59 AM

Ex-Army Man Donated Property: तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिले में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जिसमें एक बुजुर्ग पिता ने अपनों से मिले अपमान और तिरस्कार के चलते अपनी करोड़ों की संपत्ति भगवान को समर्पित कर दी. यह मामला अरुलमिगु रेणुगांबल अम्मन मंदिर से जुड़ा है, जहां एक सेवानिवृत्त सेना अधिकारी ने 4 करोड़ रुपये की संपत्ति दान कर मंदिर ट्रस्ट को चौंका दिया.

मंदिर की दान पेटी में मिले करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज

24 जून को मंदिर की दान पेटी की नियमित गिनती के दौरान मंदिर प्रशासन को 4 करोड़ रुपये की दो संपत्तियों के मूल दस्तावेज मिले. मंदिर के अधिकारियों के अनुसार, आमतौर पर पेटी में नकद चढ़ावा मिलता है, लेकिन इस बार जब जमीन और मकान के कागज सामने आए, तो वे चकित रह गए.

पूर्व सैनिक एस विजयन ने बताई दिल दहला देने वाली वजह

मंदिर को संपत्ति दान करने वाले व्यक्ति की पहचान सेवानिवृत्त सेना अधिकारी एस विजयन (65) के रूप में हुई है। केशवपुरम गांव निवासी विजयन अपने जीवन के शुरुआती दौर से ही अरुलमिगु रेणुगांबल अम्मन मंदिर के भक्त रहे हैं. वे पिछले 10 वर्षों से अपनी पत्नी से अलग अकेले रह रहे हैं.

उनकी दो बेटियाँ चेन्नई और वेल्लोर में विवाहित जीवन बिता रही हैं, लेकिन विजयन का कहना है कि वे उन्हें किसी तरह का भावनात्मक या आर्थिक सहारा नहीं देतीं. उल्टा वे उन्हें बार-बार संपत्ति उनके नाम करने का दबाव बना रही थीं.

“दैनिक खर्चों के लिए भी अपमानित किया गया”

पूर्व सैनिक विजयन ने भावुक होते हुए कहा, “मैंने अपनी बेटियों को पाल-पोसकर बड़ा किया, लेकिन आज वे मुझे अपमानित कर रही हैं. मुझे रोज़मर्रा के खर्चों के लिए भी तिरस्कार झेलना पड़ता है. जब अपने ही पराये हो जाएं, तो ईश्वर ही अंतिम सहारा होते हैं. मैं अपने निर्णय पर अडिग हूं.”

कानूनी रूप से संपत्ति मंदिर को सौंपेंगे

विजयन ने दान पेटी में केवल दस्तावेज ही नहीं डाले, बल्कि एक लिखित सहमति पत्र** भी संलग्न किया है, जिसमें उन्होंने अपनी मर्जी से संपत्ति मंदिर को सौंपने की बात कही है. यह संपत्ति 10 सेंट ज़मीन और मंदिर के पास स्थित एक घर की है, जिसकी कुल अनुमानित कीमत लगभग 4 करोड़ रुपये बताई जा रही है.