National Herald Case: ED ने दिल्ली के नेशनल हेराल्ड दफ्तर सहित 12 ठिकानों पर मारा छापा

ईडी ने धनशोधन के मामले में कांग्रेस के स्वामित्व वाले नेशनल हेराल्ड अखबार के दिल्ली स्थित कार्यालय सहित 12 स्थानों पर छापे मारे है. पिछले हफ्ते ही नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से करीब तीन घंटे तक पूछताछ की थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2022 12:44 PM

नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेराल्ड हाउस और दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली. खबरों के मुताबिक, केंद्रीय एजेंसी मामले के सिलसिले में दिल्ली में कांग्रेस के स्वामित्व वाले नेशनल हेराल्ड अखबार के कार्यालय समेत कुल 12 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. अधिकारियों का कहना है कि धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत तलाशी अभियान चलाया जा रहा है, जिससे धन के सुराग के संबंध में अतिरिक्त सबूत जुटाए जा सकें.


सोनिया गांधी से भी की गई थी पूछताछ

पिछले हफ्ते ही नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से करीब तीन घंटे तक पूछताछ की थी. पूछताछ के दौरान, उनसे अखबार के कामकाज और संचालन, इसके विभिन्न पदाधिकारियों की भूमिका और नेशनल हेराल्ड और यंग इंडियन के मामलों में उनकी और राहुल गांधी की भागीदारी के बारे में पूछा गया था. इससे पहले जून में ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी से पांच दिन तक पूछताछ की गई थी.

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क्या है नेशनल हेराल्ड केस?

पीएमएलए के तहत कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए ये मामला 9 महीने पहले दर्ज किया गया था, जब एक निचली अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से दायर एक निजी आपराधिक शिकायत के आधार पर आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लिया था. याचिकाकर्ता ने यह आरोप लगाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्ति, जिसने नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित किया था, धोखाधड़ी से हासिल की गई और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) को ट्रांसफर कर दी गई, जिसमें सोनिया गांधी और उनके बेटे की 38 फीसदी हिस्सेदारी थी. YIL के प्रमोटरों में सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल हैं. स्वामी ने आरोप लगाया था कि गांधी परिवार ने धोखाधड़ी की और धन का दुरुपयोग किया, YIL ने केवल 50 लाख रुपये का भुगतान करके 90.25 करोड़ रुपये वसूलने का अधिकार प्राप्त किया, जो कि AJL पर कांग्रेस का बकाया था.

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