DU: वंदे मातरम को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी कॉलेज में होगा समारोह का आयोजन

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि वंदे मातरम का एक-एक शब्द मां को समर्पित है और मां कभी सांप्रदायिक नहीं हो सकती है. उन्होंने सामूहिक तौर पर छात्रों से पूरे दिल्ली विश्वविद्यालय परिवार के साथ स्वदेशी संकल्प लेने का आह्वान किया. प्रधान ने कहा कि वंदे मातरम की रचना 150 साल पहले की गयी थी और एकता के लिए यह गीत आज भी प्रासंगिक है.

By Anjani Kumar Singh | November 10, 2025 6:06 PM

DU: राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने के मौके पर दिल्ली विश्वविद्यालय(डीयू) के रामजस कॉलेज में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता डीयू के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने की. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि वंदे मातरम का एक-एक शब्द मां को समर्पित है और मां कभी सांप्रदायिक नहीं हो सकती है. उन्होंने सामूहिक तौर पर छात्रों से पूरे दिल्ली विश्वविद्यालय परिवार के साथ स्वदेशी संकल्प लेने का आह्वान किया.


प्रधान ने कहा कि वंदे मातरम की रचना 150 साल पहले की गयी थी. रचना के समय देश मुश्किल हालात का सामना कर रहा था और अंग्रेजों के खिलाफ आम लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही थी. इसके कारण वर्ष 1857 में देश के विभिन्न भागों में विद्रोह की घटनाएं हुई और देश के लोगों को एक लंबी लड़ाई के बाद वर्ष 1947 में आजादी मिली. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये वंदे मातरम भारतीयों के लिए कालजयी रचना है. वंदे मातरम की रचना जिस भावना के साथ की गयी थी, वह भावना मौजूदा समय में भी प्रासंगिक है. 


देश को सशक्त बनाने के लिए जरूरी है वंदे मातरम

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि वंदे मातरम के गाने की जरूरत दुनिया में भारत देश को एक बार फिर से मजबूत करने के इरादे से की गयी थी. आजादी के लिए देश के लोग वंदे मातरम को सामूहिक तौर पर गाने का काम करते थे. लेकिन अब लोग देश की समृद्धि और एकता के लिए वंदे मातरम गा रहे हैं. सरकार का साफ मानना है कि समृद्धि आने से ही देश विकसित भारत हो सकता है और उसमें दिल्ली विश्वविद्यालय एक प्रमुख भूमिका अदा कर सकता है.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीयू कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने कहा कि वंदे मातरम 150 वर्ष का हो गया है और इस यात्रा को मनाने के लिए सरकार की ओर से इसे राष्ट्रीय चेतना के वर्ष के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया. आजादी की यात्रा में वंदे मातरम का उद्घोष आम लोगों को प्रेरित करने का काम करता रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालजयी गीत को भारत के लोगों के नजदीक लाने का काम किया है. 

वंदे मातरम राष्ट्र प्रेम और राष्ट्र भक्ति का मंत्र रहा है. इस कार्यक्रम के दौरान रामजस कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर अजय अरोड़ा और वाइस प्रिंसिपल प्रोफेसर रुचिका वर्मा सहित कई कॉलेजों के प्रिंसिपल, डीयू के अधिकारी, शिक्षक और छात्र मौजूद रहे.