DGMO Salary: भारत में DGMO का क्या होता है काम? कितनी मिलती है सैलरी
DGMO Salary: DGMO युद्ध की रणनीति तैयार करता है, आतंकवाद विरोधी अभियानों की निगरानी करता है और सीमाओं पर हालात को नियंत्रण में रखता है. आइए आज आपको DGMO के सैलरी के बारे में बताते हैं.
DGMO Salary: हाल ही में देश में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने जिस सख्ती से जवाब दिया, उससे पाकिस्तान तिलमिला उठा. इस बीच शनिवार शाम 5 बजे से भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम (सीजफायर) लागू हो चुका है. इस सहमति को लागू करवाने में भारतीय सेना के DGMO (Director General of Military Operations) की बड़ी भूमिका रही. विदेश सचिव विक्रम मिसरी के अनुसार, पाकिस्तानी DGMO ने फोन कर संघर्ष विराम पर सहमति जताई थी. भारत के एडवांस डिफेंस सिस्टम ने इन खतरों को हवा में ही नेस्तनाबूद कर दिया. सभी ड्रोन मार गिराए गए और एक बार फिर भारतीय सेना की तैयारियों की दुनिया भर में सराहना हुई.
DGMO कौन होता है?
DGMO यानी डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स भारतीय सेना का एक उच्च अधिकारी होता है. यह पद लेफ्टिनेंट जनरल (3-स्टार रैंक) स्तर के अधिकारी को दिया जाता है. DGMO सेना प्रमुख (Army Chief) को सीधे रिपोर्ट करता है और थलसेना, नौसेना और वायुसेना के बीच समन्वय बनाए रखने का कार्य भी करता है.
DGMO क्या करता है?
DGMO की जिम्मेदारियां बेहद अहम होती हैं जिनमें शामिल हैं:
- युद्ध और सैन्य अभियान की रणनीति तैयार करना
- आतंकवाद के खिलाफ अभियानों का संचालन
- शांति अभियानों की निगरानी
- एलओसी (LoC) पर स्थिति को नियंत्रण में रखना
- दुश्मन देशों के DGMO से संवाद के जरिए तनाव को कम करना
DGMO की सैलरी कितनी होती है?
DGMO को उनकी जिम्मेदारियों के अनुसार सम्मानजनक वेतन और सुविधाएं दी जाती हैं. 7वें वेतन आयोग के अनुसार बेसिक सैलरी ₹1,82,200 से ₹2,24,100 प्रतिमाह है. कुल सैलरी (भत्तों समेत) ₹2.5 लाख से ₹3 लाख तक है.
