डेल्टा से कितना घातक है कोविड का ‘डेल्टा प्लस’ वेरिएंट?, जानें एक्सपर्ट की राय

Delta Plus Variant कोरोना की तीसरी लहर के आने की चर्चा के बीच महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट का कहर रफ्तार पकड़ने लगा है. हाल ही में मुंबई में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट से पहली मौत का मामला सामने आया है. मुंबई में 63 वर्षीय बुजुर्ग महिला की मौत का पहला और देश में मौत का यह तीसरा मामला है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2021 5:54 PM

Delta Plus Variant In India Covid 3rd Wave Fear भारत में कोरोना की तीसरी लहर के आने की चर्चा के बीच महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट का कहर रफ्तार पकड़ने लगा है. हाल ही में मुंबई में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट से पहली मौत का मामला सामने आया है. मुंबई में 63 वर्षीय बुजुर्ग महिला की मौत का पहला और देश में डेल्टा प्लस वेरिएंट से मौत का यह तीसरा मामला है.

देश के विभिन्न राज्यों की सरकारों द्वारा कोविड के प्रतिबंधों में दी जा रही ढील के बीच डेल्टा प्लस वेरिएंट से हो रही ये मौतें कोविड-19 संक्रमण के डर को बढ़ा रही है. पिछले महीने रायगढ़ में एक 69 वर्षीय व्यक्ति और रत्नागिरी की एक 80 वर्षीय महिला ने इसी स्ट्रेन के कारण दम तोड़ दिया था. भारत के कुछ राज्यों में कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक स्वरूप डेल्टा प्लस वेरिएंट के नए मामले सामने आने से डॉक्टरों और हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंताएं बढ़ गई हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि वायरस का नया डेल्टा प्लस वेरिएंट कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है.

डेल्टा प्लस को लेकर क्या है एक्सपर्ट की राय

न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबक, भारत में कोरोना की दूसरी लहर के पीछे काफी हद तक डेल्टा वेरिएंट वजह माना गया था. कोविड के डेल्टा वेरिएंट की 84 अन्य देशों में फैलने की पहचान की गई थी. डेल्टा प्लस वेरिएंट के रूप में इसके बदले स्वरूप के अब तक 11 देशों में फैलने की बात सामने आ रही है. बता दें कि डेल्टा प्लस वेरिएंट को भारत सरकार पहले ही वेरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित कर चुकी है. इसके निशान अबतक भारत के तीन राज्यों, महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में पाए गए थे. इन सबके बीच, भारत में वैज्ञानिक डेल्टा प्लस वेरिएंट पर कड़ी नजर रख रहे हैं और वैक्सीन की प्रभावशीलता की जांच के लिए प्रयोगशाला में परीक्षण कर रहे हैं. विशेषज्ञों ने कहा है कि डेल्टा प्लस डेल्टा की तुलना में अधिक संक्रामक नहीं है.

डेल्टा Vs डेल्टा प्लस

डेल्टा को कोविड-19 की दूसरी लहर की शुरुआत के पीछे प्रमुख वेरिएंट के रूप में मान्यता दी गई है. डेल्टा प्लस इसका बदला हुआ स्वरूप है. कुछ ही समय में इसमें वृद्धि को लेकर वैश्विक स्तर पर चिंता जाहिर की जा रही है. डेल्टा स्ट्रेन पहली बार भारत में खोजा गया और बीटा स्ट्रेन जिसे दक्षिण अफ्रीका में खोजा गया था. कहा जा रहा है कि डेल्टा प्लस के फॉरमेंशन में डेल्टा के स्पाइक प्रोटीन में के417एन नामक उत्परिवर्तन प्राप्त करने के परिणामस्वरूप हुआ है. बी.1.617.2 स्ट्रेन या डेल्टा वेरिएंट के नए म्यूटेशन, जिसे डब्लूएचओ ने नाम दिया है, में दो ग्रेडेड म्यूटेशन एल452आर और पी871आर पाए गए हैं.

डेल्टा प्लस वेरिएंट ज्यादा खतरनाक है?

भारत में डेल्टा प्लस की व्यापकता कम है. वैज्ञानिक इस तथ्य से अवगत हैं कि कुछ उत्परिवर्तन वायरस को या तो अधिक संचरणीय या अधिक विषाणु या दोनों बनने में मदद कर सकते हैं. चूंकि एवाई.1 और एवाई.2 दोनों डेल्टा के वंशज हैं, इसलिए वे डेल्टा संस्करण के कुछ गुणों को साझा करने की संभावना रखते हैं. जैसे ट्रांसमिसिबिलिटी. इसके अलावा, के417एन उत्परिवर्तन बीटा संस्करण में मौजूद है, जिसके बारे में बताया गया है कि वह प्रतिरक्षा से बच निकला है और एंटीबॉडी को चकमा दे सकता है. भारत सरकार के अनुसार, डेल्टा प्लस संस्करण ने बढ़ी हुई क्षमता, फेफड़ों की कोशिकाओं के रिसेप्टर्स के लिए मजबूत बाध्यकारी क्षमता और मोनोक्लोनल एंटीबॉडी उपचार की प्रतिक्रिया में संभावित कमी दिखाई है. डेल्टा प्लस संस्करण कथित तौर पर डेल्टा संस्करण की तुलना में लगभग 60 प्रतिशत तेजी से फैलता है.

डेल्टा प्लस के क्या होते हैं लक्षण?

बताया जा रहा है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमित मरीजों में ऐसे कोई लक्षण नहीं दिखाई दे रहे है, जो डेल्टा से अलग तरह के हों. डेल्टा में पेटदर्द, जी मिचलाना, उलटी, भूख न लगना, सूंघने की क्षमता कम होना, जोड़ों में दर्द जैसी दिक्कतें देखी गई हैं.

कोरोना का टीका कितना असरदार?

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डेल्टा वेरिएंट पर भारत में उपलब्ध कोविशील्ड और कोवैक्सिन दोनों असरदार हैं. हालांकि, विदेश में हुई कुछ स्टडी में कहा गया है कि वैक्सीन इस वेरिएंट के खिलाफ बाकी वेरिएंट की तुलना में कुछ कम ऐंटीबॉडी बनाती हैं.

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