Cough Syrup : डीईजी और ईजी बच्चों के किस अंग को पहुंचाता है नुकसान? कफ सिरप का सोच-समझकर करें इस्तेमाल
Cough Syrup : तमिलनाडु सरकार ने ‘कोल्डरिफ’ नामक ‘कफ सिरप’ की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. केंद्र ने 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं देने की सलाह दी है. इस बीच डीईजी और ईजी को लेकर जांच किए गए. जानें क्या बात आई सामने.
Cough Syrup : केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक एडवाइजरी जारी की है. इसमें निर्देश दिया गया है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाइयां नहीं दी जाएं.स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) द्वारा यह एडवाइजरी जारी की गई है. एडवाइजरी मध्यप्रदेश में कथित तौर पर नकारात्मक प्रभाव वाले कफ सिरप के कारण बच्चों की मौतों की खबरों के बीच आई है.
डीईजी और ईजी पहुंचाता है किडनी को नुकसान
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पाया कि मध्यप्रदेश में टेस्ट किए गए किसी भी सिरप के नमूने में डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) या एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी) नहीं था. इन दोनों तत्वों से किडनी को गंभीर नुकसान हो सकता है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले डीजीएचएस ने एडवाइजरी में कहा कि आमतौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कफ सिरप की सिफारिश नहीं की जाती है. इसमें कहा गया है कि बुजुर्ग लोगों के लिए इनका इस्तेमाल बहुत सावधानी से करना चाहिए. इसके लिए उनकी अच्छी तरह से जांच करनी होगी, लगातार निगरानी करनी होगी और दवा की सही मात्रा का ध्यान रखना होगा.
कफ सिरप का सही और सोच-समझकर इस्तेमाल जरूरी
डीजीएचएस की डॉ. सुनीता शर्मा ने एडवाइजरी में कहा है कि लोगों को डॉक्टर की दी हुई दवाइयों का सही तरीके से पालन करने के लिए जागरूक किया जा सकता है. खासकर बच्चों के लिए कफ सिरप का सही और सोच-समझकर इस्तेमाल जरूरी है. बच्चों में गंभीर खांसी की बीमारियां अक्सर बिना दवा ही अपने आप ठीक हो जाती हैं. इसलिए दवाओं का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल न करें. एडवाइजरी में सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों से कहा गया है कि वे दवाओं के सही और सुरक्षित उत्पाद खरीदें और वितरण करें, ताकि दवा सुरक्षित और प्रभावी रूप से उपलब्ध हो.
उत्पाद में प्रोपिलीन ग्लाइकॉल नहीं
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान और केंद्रीय औषधि नियंत्रण संगठन की टीम ने मध्यप्रदेश में कफ सिरप के नमूने इकट्ठा करने के लिए दौरा किया. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि हाल ही में कफ सिरप पीने से कुछ बच्चों की मौत की खबरें आई हैं. टीम ने यह सुनिश्चित करने के लिए जांच की कि दवाइयां सुरक्षित हैं या नहीं.
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मंत्रालय ने कहा कि जांच में किसी भी कफ सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) या एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी) नहीं पाया गया, जो किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं. मध्यप्रदेश राज्य खाद्य और औषधि प्रशासन ने भी तीन नमूनों की जांच कर इसकी पुष्टि की. राजस्थान में दूषित कफ सिरप से दो बच्चों की मौत की खबरों पर मंत्रालय ने बताया कि उस उत्पाद में प्रोपिलीन ग्लाइकॉल नहीं है, जो डीईजी/ईजी के दूषित होने का कारण बन सकता है.
