कोरोना से मौत के बाद भी परिवार की मुश्किलें नहीं होती कम, श्मशान घाट पर करना पड़ता है घंटों इंतजार

coronavirus news : कोरोना महामारी के कारण बढ़ रहे मौत के आंकड़ो ने लोगों के सामने एक और परेशानी खड़ी कर दी है. अंतिम संस्कार की. दरअसल महाराष्ट्र में ऐसे ही हालात बन रहे हैं. राज्य भी कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. इसके कारण कई जगहों पर मृत लोगों के परिजनों के अंतिम संस्कार करने के लिए 30 घंटे तक का इंतजार करना पड़ रहा है. बीड और अहमद नगर में तो हालात इतने खराब है कि यहां पर सामूहिक दास संस्कार किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar Print Desk | September 16, 2020 9:11 AM

coronavirus news : कोरोना महामारी के कारण बढ़ रहे मौत के आंकड़ो ने लोगों के सामने एक और परेशानी खड़ी कर दी है. अंतिम संस्कार की. दरअसल महाराष्ट्र में ऐसे ही हालात बन रहे हैं. राज्य भी कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. इसके कारण कई जगहों पर मृत लोगों के परिजनों के अंतिम संस्कार करने के लिए 30 घंटे तक का इंतजार करना पड़ रहा है. बीड और अहमद नगर में तो हालात इतने खराब है कि यहां पर सामूहिक दास संस्कार किया जा रहा है.

कई परिवार तो ऐसे हैं जो अंतिम संस्कार करने के लिए एक श्मशान घाट से दूसरे श्मशान घाट का चक्कर लगा रहे हैं. विद्युत शवदाहगृह में अंतिम संस्कार करने में दो घंटे लगते हैं, जबकि लकड़ी से अंतिम संस्कार करने में तीन घंटे लगते हैं. इसके कारण लंबी लाइन लग जा रही है. इस समस्या को दूर करने के लिए मृत लोगों के परिजनों को सामूहिक दास संस्कार के लिए प्रेरित किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर एंबुलेंस की कमी भी एक गंभीर समस्या बन रही है.

बता दें कि मंगलवार को महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से मरने वालों का आंकड़ा 30,409 पहुंच गया. जबिक 515 मंगलवार को ही 515 मौत के नये मामले सामने आये हैं. पुणे के पूर्व मनसे नगरसेवक वसंत मोरे ने बताया कि पिछले हफ्ते उनके ससुर की मौत कोरोना वायरस से हो गयी थी. इसके बाद उनका अंतिम संस्कार करने के लिए उनके परिवार को श्मशान घाट में सात घंटे का इंतजार करना पड़ा.

इतना ही नहीं पुणे के के ही एक पूर्व मेयर के बेटे की मौत कोरोना संक्रमण से हो गयी. इसके बाद उसके शव को 10 घंटे से अधिक समय तक एंबुलेंस में रखा गया था क्योंकि श्मशान में जगह नहीं मिल रही थी. श्मशान घाट में जगह की कमी के कारण अब पुणे नागरिक निकाय को लकड़ी और गाय के गोबर के केक से अंतिम संस्कार करने की अनुमति देना पड़ा रहा है.

अहमदनगर मे शिवसेना के एक नगरसेवक बाला साहेब बोराटे ने स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये हैं. उन्होंने कहा कि मृत शरीर को जो सम्मान मिलना चाहिए वो नहीं मिल रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले सप्ताह 12 शवों को एक एंबुलेंस में भरकर लाया गया और अन्य 11 शवों के साथ मिलाकर सामूहिक दाह संस्कार कर दिया.

Posted By : Pawan Singh

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