Cooperative: सतत कृषि के लिए जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों जैसे विषयों पर होगा मंथन
सतत कृषि, पैक्स की भूमिका के विस्तार, लघु एवं सीमांत किसानों की आय स्थिरता, सहकारिता आधारित कृषि मॉडल के लिए जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों जैसे विषयों पर होगा बैठक.
Cooperative: सतत कृषि को बढ़ावा देने, प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) की भूमिका के विस्तार, लघु एवं सीमांत किसानों की आय स्थिरता, सहकारिता आधारित कृषि मॉडल को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के अनुरूप मजबूत बनाने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर नीति एवं क्रियान्वयन से जुड़े पहलुओं पर विचार-विमर्श हेतु, कृषक भारती कोऑपरेटिव लिमिटेड (कृभको) द्वारा 24 दिसंबर 2025 को पंचकूला में राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन ‘सहकार से समृद्धि – सतत कृषि में सहकारिता की भूमिका’ का आयोजन किया जा रहा है.
सम्मेलन के मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह होंगे. यह सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के दूरदर्शी विजन को साकार करने तथा केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकारिता मॉडल को जमीनी स्तर तक सुदृढ़ कर किसानों की समृद्धि सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. सम्मेलन में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे. इसके अलावा, केंद्रीय राज्य मंत्री (सहकारिता मंत्रालय) कृष्ण पाल गुर्जर एवं मुरलीधर मोहोल, हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद कुमार शर्मा तथा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा भी सम्मेलन में भाग लेंगे.
जलवायु-अनुकूल कृषि पद्धतियों को किसानों तक पहुंचाने पर जोर
सम्मेलन में उन्नत कृषि ज्ञान का आदान-प्रदान, किफायती ऋण की उपलब्धता, आधुनिक तकनीकों का उपयोग, तथा जैविक एवं जलवायु-अनुकूल कृषि पद्धतियों को सहकारिता के माध्यम से किसानों तक पहुंचाने पर विशेष जोर दिया जायेगा. साथ ही, सहकारिता मंत्रालय की हालिया नीतिगत पहलों, पैक्स के सुदृढ़ीकरण और कृभको जैसी राष्ट्रीय सहकारी संस्थाओं की भूमिका पर भी विस्तार से चर्चा होगी. सम्मेलन में केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय, कृभको एवं हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय सहकारी संस्थाएं, प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पैक्स), किसान संगठन तथा अन्य प्रमुख हितधारक उपस्थित रहेंगे.
उल्लेखनीय है कि कृभको वर्षों से उर्वरक आपूर्ति, कृषि परामर्श और किसान-केंद्रित सेवाओं के माध्यम से देश के लाखों किसानों को लाभान्वित कर रही है. पंचकूला में आयोजित यह राष्ट्रीय सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष–2025 के तहत सहकारी आंदोलन को नई दिशा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा.
