Congress News: प्रियंका को मिलेगी कांग्रेस की कमान! चिंतन शिविर में सोनिया गांधी के सामने उठी मांग

Congress Chintan Shivir: कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की टीम राजस्थान के उदयपुर में नव संकल्प चिंतन कर रही हैं. इस बीच, कांग्रेस के चिंतन शिविर में शनिवार को प्रियंका गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने की मांग उठ गई.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 14, 2022 10:24 PM

Congress Chintan Shivir: कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की टीम राजस्थान के उदयपुर में नव संकल्प चिंतन कर रही हैं. चिंतन शिविर में कांग्रेस पार्टी के सामने खड़ी चुनौतियों पर चर्चा किए जाने के साथ ही इस बारे में समाधान के रास्ते तलाशने की कोशिश की जा रही है. इस बीच, कांग्रेस के चिंतन शिविर में शनिवार को प्रियंका गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने की मांग उठ गई.

सोनिया गांधी के सामने उठी प्रियंका को कमान सौंपने की मांग

प्रियंका गांधी वाड्रा को पार्टी का प्रमुख बनाए जाने की मांग आचार्य प्रमोद कृष्णम की ओर से की गई. आचार्य प्रमोद ने सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी की मौजूदगी में यह मांग उठाई. हालांकि, दोनों नेताओं की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई. जानकारी के मुताबिक, प्रियंका को पार्टी की कमान सौंपने को लेकर जब मांग उठी, तो वहां राहुल गांधी मौजूद नहीं थे.

जानें आचार्य प्रमोद ने क्या कुछ कहा…

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि दो साल से सांसद राहुल गांधी को मनाने की कोशिश हो रही है. क्या वे अध्यक्ष बनने को तैयार हैं. अगर वो तैयार नहीं है तो ऐसे हालात में प्रियंका गांधी वाड्रा को अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए, क्योंकि वो हिंदुस्तान का सबसे लोकप्रिय चेहरा हैं.

कांग्रेस में गरमाई सियासत

आचार्य प्रमोद कृष्णम की ओर से प्रियंका गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की मांग की गई, तो वहां मौजूद पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें टोकने की कोशिश की. लेकिन, आचार्य ने खड़गे को ही उल्टा जवाब दे दिया. वहीं, दीपेंद्र हूडा ने कहा कि प्रियंका गांधी को राष्ट्रीय स्तर पर लाना चाहिए न कि एक राज्य में सीमित करना चाहिए. रंजीत रंजन ने भी इस पर हामी भरते हुए कहा कि एक प्रदेश में प्रियंका गांधी को कैद करना सही नहीं है. जबकि, राजस्थान के पूर्व मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि अगर हम नहीं सुधरे तो खत्म हो जाएंगे. रघु शर्मा ने कहा कि अगर कांग्रेस को हिमाचल और गुजरात के चुनाव में जीत नहीं मिलती है तो 2024 के लोकसभा चुनाव को भूल जाना चाहिए.

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