दक्षिण भारत की राजनीति पर कब्जे को लेकर मची होड़, कांग्रेस का भरोसा कायम, धीरे-धीरे कमल खिला रही भाजपा

South india, Congress, BJP : नयी दिल्ली : देश में साल 2021 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. इनमें पश्चिम बंगाल और असम के अलावा दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में चुनाव होना है. भारतीय जनता पार्टी (जनसंघ) की राजनीतिक यात्रा में दक्षिण भारत में पांच दशकों से दूर रहने के बाद अब पैठ जमाने की कोशिश में है. साल 2004 में पहली बार कर्नाटक विधानसभा चुनाव में दमदार उपस्थिति दिखायी थी. उसके बाद से भाजपा दक्षिण भारत में कमल खिलाने की कोशिश कर रही है. उत्तर भारत में कांग्रेस की जड़ें कमजोर करने के बाद भाजपा अब दक्षिण भारत को भी कांग्रेस मुक्त करने की कोशिश कर रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2021 11:16 AM

नयी दिल्ली : देश में साल 2021 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. इनमें पश्चिम बंगाल और असम के अलावा दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में चुनाव होना है. भारतीय जनता पार्टी (जनसंघ) की राजनीतिक यात्रा में दक्षिण भारत में पांच दशकों से दूर रहने के बाद अब पैठ जमाने की कोशिश में है. साल 2004 में पहली बार कर्नाटक विधानसभा चुनाव में दमदार उपस्थिति दिखायी थी. उसके बाद से भाजपा दक्षिण भारत में कमल खिलाने की कोशिश कर रही है. उत्तर भारत में कांग्रेस की जड़ें कमजोर करने के बाद भाजपा अब दक्षिण भारत को भी कांग्रेस मुक्त करने की कोशिश कर रही है.

इधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी पिछले लोकसभा चुनाव में केरल के वायनाड से चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे थे. साल 1977 में उत्तर भारत में ऐतिहासिक हार के बाद इंदिरा गांधी ने उत्तर भारत पर विश्वास छोड़ दिया था. 1978 के लोकसभा उपचुनाव में इंदिरा गांधी ने कर्नाटक के चिकमंगलूर से चुनाव में जीत हासिल की थी. इसके बाद 1980 के आम चुनाव में तत्कालीन आंध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) के मेडक से जीत दर्ज की थी. चुनाव में एक नारा भी दिया गया था- ”एक शेरनी सौ लंगूर, चिकमंगलूर-चिकमंगलूर.” इसके बाद सोनिया गांधी ने भी साल 1999 में रायबरेली में हार के डर के कारण कर्नाटक के बेल्लारी से चुनाव लड़ा था.

भाजपा ने साल 2006 में कर्नाटक में कांग्रेस सरकार को गिरा कर जनता दल (स) के नेतृत्व में साझा सरकार गठित की थी. हालांकि, इस पांच साल तक सरकार में तीन मुख्यमंत्री बनाये गये. लेकिन, भाजपा के लिए दक्षिण भारत की राजनीति में यह बड़ा बदलाव था. उत्तर भारत और हिंदी भाषी की समझी जानेवाली भाजपा ने दक्षिण की गैर हिंदी भाषी जमीन पर ‘कमल’ खिलाया था. तमिलनाडु में 1967 के बाद से ही कांग्रेस का पतन शुरू हो गया था. यहां डीएमके और एआईडीएमके की सरकारों का कब्जा रहा है.

भाजपा ने साल 2021 के चुनाव में एआईडीएमके के साथ गंठजोड़ कर विधानसभा में प्रवेश करने की तैयारी में है. कन्याकुमारी लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद संसद में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. भाजपा अब कर्नाटक से आगे तमिलनाडु में पैठ बढ़ा रही रही है. केरल में हाल ही में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा उपस्थिति दर्ज करा चुकी है. वामपंथियों के गढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी शशि थरूर को कड़ी टक्कर भाजपा ने दी थी, हालांकि चुनाव हार गयी थी. पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद भाजपा का मनोबल बढ़ा हुआ है. मालूम हो कि नारायणसामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाने के बाद मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन सरकार के पास सदन में सदस्यों की संख्या मात्र 11 रह गयी थी. मालूम हो कि पुडुचेरी 33 सदस्यों वाली विधानसभा है. इनमें तीन सदस्य मनोनीत होते हैं.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केरल विधानसभा क्षेत्र में ‘ऐश्वर्य यात्रा’ के समापन पर उत्तर-दक्षिण भारत की तुलना करते हुए विवादित बयान दे दिया था. हालांकि, बाद में कांग्रेस के नेताओं ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था. राहुल गांधी ने कहा था कि ”पहले 15 साल मैं उत्तर भारत से सांसद रहा. इसलिए मुझे अलग तरह की राजनीति की आदत हो गयी थी. मेरे लिए केरल आना नया अनुभव था. क्योंकि, अचानक मैंने देखा कि लोग मुद्दों में दिलचस्पी रखते हैं, सिर्फ दिखावे के लिए नहीं, बल्कि गहनता से उस पर विचार करते हैं.”

दक्षिण भारत में पैठ जमाने में भाजपा जुटी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आसन्न विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मतदाताओं को रिझाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं. नरेंद्र मोदी आज तमिलनाडु जाने से पहले एम्स में कोरोना वैक्सीन लगवायी. उन्हें पुडुचेरी की सिस्टर पी निवेदा ने वैक्सीन की पहली खुराक दी. मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुडुचेरी भी जानेवाले हैं. पश्चिम बंगाल और असम की बात की जाये तो कोरोना वैक्सीन लेने के समय प्रधानमंत्री के कंधे पर असम का गमछा था. नरेंद्र मोदी अपनी दाढ़ी बढ़ा रहे हैं. पश्चिम बंगाल का दाढ़ी और कुर्ता का संबंध पुराना रहा है. विश्वभारती शताब्दी समारोह को बांग्ला भाषा में संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने रविंद्र नाथ टैगोर के गुजरात कनेक्शन के बारे में बताते हुए कहा था कि गुरुदेव के बड़े भाई सत्येंद्रनाथ टैगोर भारतीय सिविल सेवा में रहने के दौरान अहमदाबाद में सेवा दी थी. रवींद्रनाथ टैगोर गुजरात के अहमदाबाद में लंबे समय तक रहे थे.

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