क्या चिकेन खाने से हो सकता है ब्लैक फंगल इंफेक्शन? जानें सरकार का इस पर क्या है जवाब

नयी दिल्ली : कोरोनावायरस संक्रमण (Coronavirus Pandemic) के साथ-साथ ब्लैक फंगल इंफेक्शन (Black Fungal Infection) ने केंद्र और राज्य सरकारों को परेशानी में डाला हुआ है. अब पता चला है कि म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) या ब्लैक फंगल इंफेक्शन शरीर के उपरी हिस्से को भी प्रभावित कर सकता है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की ओर से बताया गया कि म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस एक फंगल संक्रमण के कारण होने वाली बीमारी है. वातावरण में कवक के संपर्क में आने से म्यूकोर्मिकोसिस पकड़ लेते हैं. यह शरीर के उपरी हिस्से पर भी विकसित हो सकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 2, 2021 10:58 AM

नयी दिल्ली : कोरोनावायरस संक्रमण (Coronavirus Pandemic) के साथ-साथ ब्लैक फंगल इंफेक्शन (Black Fungal Infection) ने केंद्र और राज्य सरकारों को परेशानी में डाला हुआ है. अब पता चला है कि म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) या ब्लैक फंगल इंफेक्शन शरीर के उपरी हिस्से को भी प्रभावित कर सकता है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की ओर से बताया गया कि म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस एक फंगल संक्रमण के कारण होने वाली बीमारी है. वातावरण में कवक के संपर्क में आने से म्यूकोर्मिकोसिस पकड़ लेते हैं. यह शरीर के उपरी हिस्से पर भी विकसित हो सकता है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कटने, खरोंच लगने, जलने या किसी अन्य प्रकार की त्वचा के आघात के माध्यम से यह फंगस त्वचा में प्रवेश करने के बाद त्वचा पर भी विकसित हो सकता है. इस बीमारी का पता उन रोगियों में लग रहा है जो COVID-19 से ठीक हो रहे हैं या ठीक हो चुके हैं. जो कोई भी मधुमेह रोगी है और जिसकी प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक से काम नहीं कर रही है, उसे इससे सावधान रहने की जरूरत है.

केंद्र सरकार ने पहले ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगल संक्रमण को महामारी घोषित करने का निर्देश दिया है. केंद्र के निर्देश में कहा गया है कि इस संक्रमण से COVID-19 रोगियों में लंबे समय तक बीमारी और मृत्यु दर बढ़ रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इसे “महामारी रोग अधिनियम” के तहत सूचीबद्ध करने को कहा है.

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इस बीच, सोशल मीडिया पर एक पोस्ट प्रसारित किया जा रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि पॉल्ट्री फॉर्म की मुर्गियों से काला कवक फैल सकता है. मैसेज में कहा गया है कि पॉल्ट्री फॉर्म की मुर्गियों के कारण ब्लैक फंगस का संक्रमण फैल रहा है. कृपया कुछ दिनों के लिए पॉल्ट्री फॉर्म की मुर्गियों को न खाएं. सुरक्षित रहें.

फैक्ट चेक में पता चला है कि इस वायरल मैसेज में कोई सच्चाई नहीं है. भारत सरकार की प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो की टीम ने जब इस दावे की पड़ताल की तो मालूम हुआ कि इस दावे में तनिक भी सच्चाई नहीं है. मुर्गियों से ब्लैक फंगस फैलने का कोई मामला अभी तक सामने नहीं आया है. पीआईबी फैक्ट चेक ने इसे ट्विटर पर भी शेयर किया है. ट्वीट में कहा गया है कि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि संक्रमण मुर्गियों से इंसानों में फैल सकता है.

Posted By: Amlesh Nandan.

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