Anti-Terror Conference: उभरते आतंकी खतरों से निपटने पर होगा विचार-विमर्श

दो दिवसीय सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य होल ऑफ द गवर्नमेंट अप्रोच की भावना से आतंकवाद के खतरे के खिलाफ समन्वित कार्रवाई के लिए विभिन्न हितधारकों के बीच तालमेल विकसित करना और भविष्य की नीति निर्माण के लिए ठोस सुझाव प्रस्तुत करना है.

By Anjani Kumar Singh | December 25, 2025 6:23 PM

Anti-Terror Conference: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह शुक्रवार को नयी दिल्ली में ‘आतंकवाद निरोधी सम्मेलन’ का उद्घाटन करेंगे. दो दिवसीय सम्मेलन गृह मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा आयोजित किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस विजन के तहत आयोजित यह वार्षिक सम्मेलन उभरते खतरों से निपटने के लिए भारत की अगली पीढ़ी की रणनीतियों पर विचार-विमर्श करने का एक मंच बन गया है.

 यह सम्मेलन ऑपरेशनल फोर्सो, तकनीकी, कानूनी और फोरेंसिक विशेषज्ञों और आतंकवाद विरोधी गतिविधियों में लगी एजेंसियों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले मुद्दों और आतंकवाद से उत्पन्न होने वाले खतरों पर विचार-विमर्श करने के एक मंच के रूप में उभरा है. सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य सरकार के सभी विभागों, एजेंसियों और संस्थानों का आपसी समन्वय ( होल ऑफ द गवर्नमेंट अप्रोच) के साथ एक साझा लक्ष्य पर काम करने के साथ ही आतंकवाद के खतरे के खिलाफ समन्वित कार्रवाई के लिए औपचारिक और अनौपचारिक चैनल स्थापित करके विभिन्न हितधारकों के बीच तालमेल विकसित करना और भविष्य की नीति निर्माण के लिए ठोस सुझाव प्रस्तुत करना है.

गुड प्रैक्टिसेज को किया जायेगा शामिल

दो दिवसीय सम्मेलन में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अनुभवों,आतंकवाद विरोधी प्रयासों में अपनाई गयी अच्छी प्रथाओं (गुड प्रैक्टिसेज) और आतंकी जांच से मिली सीख को साझा किया जाएगा. इसके तहत विदेशी न्यायक्षेत्रों से साक्ष्य एकत्र करने, डिजिटल फोरेंसिक और डेटा विश्लेषण के उपयोग, प्रभावी अभियोजन प्रबंधन, कट्टरता से निपटने, जासूसी तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरते हाइब्रिड खतरों जैसे विषयों पर सत्र आयोजित किए जाएंगे. इसके अलावा सम्मेलन में आतंकवाद के वित्तपोषण नेटवर्क को बाधित करने के लिए टूल्स, तकनीक और केस स्टडी, भविष्य की आतंकवाद विरोधी रणनीतियों का निर्माण तथा उभरते राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों से निपटने के लिए संस्थागत क्षमताओं के विकास पर भी विस्तार से चर्चा होगी.

भविष्य के लिए आतंकवाद विरोधी रणनीतियों पर चर्चा


इस सम्मेलन में विदेशी न्यायक्षेत्रों से साक्ष्य एकत्र करने, आतंकवाद विरोधी जांच में डिजिटल फोरेंसिक और डेटा विश्लेषण, मुकदमे का प्रभावी प्रबंधन, कट्टरता से निपटना, जासूसी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरते हाइब्रिड खतरों सहित आतंकवाद से संबंधित अन्य विषय भी सत्र में शामिल है. इसके अलावा आतंकवाद वित्तपोषण नेटवर्क को बाधित करने के टूल्स, तकनीक और केस स्टडी, भविष्य के लिए आतंकवाद विरोधी रणनीतियों का निर्माण और उभरते राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों से निपटने के लिए संस्थागत क्षमताओं के निर्माण पर पर भी विभिन्न सत्रों में विचार-विमर्श किया जायेगा.


सम्मेलन में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, आतंकवाद विरोधी मुद्दों से निपटने वाली केंद्रीय एजेंसियों/विभागों के अधिकारी और कानून, फोरेंसिक, प्रौद्योगिकी जैसे संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञ भाग लेंगे.