रामनाथ गोयनका पुरस्‍कार समारोह में बोले मोदी – लोकतंत्र की मजबूती के लिए पत्रकारिता जरुरी

नयी दिल्‍ली : रामनाथ गोयनका पुरस्कार वितरण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने में पत्रकारिता की भूमिका अहम है. प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर पुरस्‍कार पाने वालों को बधाई दी. उन्‍होंने कहा कि हर किसी की कलम देश को आगे बढ़ाने में योगदान देती है. बहुत कम लोग अपने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 2, 2016 8:03 PM

नयी दिल्‍ली : रामनाथ गोयनका पुरस्कार वितरण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने में पत्रकारिता की भूमिका अहम है. प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर पुरस्‍कार पाने वालों को बधाई दी. उन्‍होंने कहा कि हर किसी की कलम देश को आगे बढ़ाने में योगदान देती है. बहुत कम लोग अपने जीवनकाल के बाद अपना नाम बनाते हैं. उन्‍होंने कहा कि मुझे रामनाथ जी के दर्शन करने का सौभाग्य मिला था. रामनाथ जी की भावनाओं के लिए अख़बार भी छोटा पड़ता था.

मोदी ने कहा कि आजादी के आंदोलन में अखबार अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है. पत्रकारिता की विकास यात्रा आजादी के आंदोलन से जुड़ी थी. नरेंद्र मोदी ने रामनाथ गोयनका की तारीफ करते हुए कहा कि बहुत कम लोगों ने आपातकाल को चुनौती दी, आपातकाल को चुनौती देने में रामनाथ जी सबसे आगे रहे.

मोदी ने आज की पत्रकारिता पर चुटकी लेते हुए कहा कि मीडिया खबरों को सनसनीखेज बना देती है. उन्‍होंने कहा कि अगर कहीं एक्‍सीडेंट होता है तो मीडिया में आता है एम वीएमडब्‍ल्‍यू कार ने दलित को कुचला. मोदी ने कहा, ‘मैं मांफी चाहता हूं, लेकिन मुझे बताइये कि बीएमडब्‍ल्‍यू कार या उसे चलाने वाले को कहां पता था कि कुचलने वाला दलित है.’

नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरा सौभाग्य रहा कि मुझे रामनाथ गोयनका जी के दर्शन हुए थे. जिस समय मैं उनसे मिला था उस समय मैं कुछ भी नहीं था. जयप्रकाश जी के आंदोलन का वह काल था. रामनाथ जी के भीतर जो आग थी वो आग हम अनुभव कर सकते थे. वह आग किसी एक अखबार के लिए नहीं थी. उनकी भावनाओं के लिए अखबार भी छोटा पड़ता था. जयप्रकाश जी के पीछे एक ताकत बनकर खड़े रहे.

नरेंद्र मोदी ने कहा कि पत्रकारिता केवल कलम तक ही सीमीत नहीं रही. हम भारत की पत्रकारिता को देखें तो आजादी के विकास यात्रा से पत्रकारिता की विकास यात्रा जुड़ी हुई है. ज्‍यादातर पत्रकारिता में सेवा का भाव देखने को मिला है. हमारे देश के हर बड़े व्‍यक्ति का जुड़ाव पत्रकारिता से रहा है. आजादी के बाद भारत के लोकतंत्र को मतबूत बनाने में भारत की पत्रकारिता की अहम भूमिका रही है. किसी की आलोचना के लिए नहीं, किसी को भला बुरा कहने के लिए नहीं बल्कि पिछले संदर्भ को दर्शाते हुए पत्रकारिता की गई.