राजकीय सम्‍मान के साथ पूर्व राष्‍ट्रपति डॉ कलाम को दी गयी अंतिम विदाई, लगे ‘भारत माता की जय’ के नारे

रामेश्वरम (तमिलनाडु) : राष्ट्र ने अपने ‘अनमोन रत्न’ पूर्व राष्ट्रपति डा. ए पी जे अब्दुल कलाम को भावनात्मक अंतिम विदाई दी जहां हजारों की संख्या में मौजूद लोग अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पा रहे थे और उनकी आंखों से आंसुओं की धार स्वत: ही उनके दुख को बयां कर रही थी. पूर्व राष्ट्रपति […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 30, 2015 12:06 PM

रामेश्वरम (तमिलनाडु) : राष्ट्र ने अपने ‘अनमोन रत्न’ पूर्व राष्ट्रपति डा. ए पी जे अब्दुल कलाम को भावनात्मक अंतिम विदाई दी जहां हजारों की संख्या में मौजूद लोग अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पा रहे थे और उनकी आंखों से आंसुओं की धार स्वत: ही उनके दुख को बयां कर रही थी. पूर्व राष्ट्रपति को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके गृह नगर में ‘सुपूर्द ए खाक’ किया गया और इस दौरान वहां उपस्थित लोग लगातार ‘भारत माता की जय’ का उद्घोष करते रहे.

कलाम के पार्थिव शरीर को यहां पेईकारुंबू में करीब 1.5 एकड में फैले जमीन के टुकडे के मध्य में दफनाया गया. इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को मस्जिद में लाया गया जहां ‘नमाज ए जनाजा’ पढी गई. ‘जनता के राष्ट्रपति’ को पूरा सैन्य सम्मान प्रदान किया गया जिसमें बंदूक से गोलियां चलाकर सलामी देना शामिल है.

उनके अंतिम संस्कार का कार्यक्रम सुबह 11 बजे शुरू हुआ. उनके अंतिम संस्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू, पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे. सुपुर्दे खाक किये जाने से पहले उनके पार्थिव शरीर पर प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई गणमान्य लोगों श्रद्धा सुमन अर्पित किये. इस मौके पर दो मिनट का मौन भी रखा गया. उनके अंतिम दर्शन को लोग उमड़ पड़े . उनका पार्थिव शरीर कल उनके गृहनगर लाया गया था जहां बड़ी संख्या में लोग अपने दिवंगत नेता की एक झलक पाने के लिए एकत्र थे.

पार्थिव शरीर लेकर आया हेलीकाप्टर अपराह्न करीब चार बजे यहां पहुंचा. हेलीकाप्टर यहां से करीब दस किलोमीटर दूर मंडपम में विशेष रुप से बनाए हेलीपैड पर उतरा.इसके पहले पूर्व राष्ट्रपति का पार्थिव शरीर विशेष विमान से नयी दिल्ली से मदुरै लाया गया. कलाम का सोमवार को निधन हो गया था. शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी पार्थिव शरीर के साथ आए हैं. यहां उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी पी राधाकृष्णन मौजूद थे.

तिरंगे में लिपटा कलाम का पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से सेना के एक वाहन से लाया गया. करीब 10 किलोमीटर लंबे इस मार्ग के दोनों ओर बड़ी संख्या में लोग अपने प्रिय नेता की एक झलक पाने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मौजूद थे. कलाम के परिवार के कुछ सदस्य भी हेलीपैड पर मौजूद थे.

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