छह देशों की ”ऐतिहासिक यात्रा” के बाद स्वदेश लौटे PM नरेंद्र मोदी

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छह देशों की यात्रा के बाद सोमवार रात स्वदेश लौट आए हैं. उन्होंने अपनी इस यात्रा को सफल बताया है. हवाईअड्डे पर विमान से उतरने के बाद नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि मध्य एशिया की ऐतिहासिक यात्रा के बाद स्वदेश वापसी. इस क्षेत्र के साथ भारत के संबंधों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2015 7:31 AM

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छह देशों की यात्रा के बाद सोमवार रात स्वदेश लौट आए हैं. उन्होंने अपनी इस यात्रा को सफल बताया है. हवाईअड्डे पर विमान से उतरने के बाद नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि मध्य एशिया की ऐतिहासिक यात्रा के बाद स्वदेश वापसी. इस क्षेत्र के साथ भारत के संबंधों को आगे बढाने के संदर्भ में यह लंबी यात्रा थी.

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रुस और पांच मध्य एशियाई देशों के साथ इस दौरे के दौरान कई अहम मुद्दों पर बातचीत की. इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलनों में हिस्सा लिया और अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ तथा अन्य नेताओं से बातचीत की. आठ दिवसीय दौरे में मोदी उजबेकिस्तान, कजाखस्तान, रुस, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिजस्तान और ताजकिस्तान गए. सोमवार रात वे पालम तकनीकी हवाईअड्डे पर उतरे और हमेशा की तरह ट्वीट करके अपनी यात्रा के संबंध में जानकारी दी.

मोदी ताजिकिस्तान से दिल्ली लौटे हैं जो उनके दौरे का अंतिम पडाव था. ताजकिस्तान की राजधानी दुशान्बे से रवाना होते हुए उन्होंने ट्वीट किया कि मैंने अपना मध्य एशिया दौरा पूरा किया. इन पांच देशों की इस यात्रा से मेरी समझ में आ गया कि भारत और मध्य एशिया को बडे पैमाने पर फिर से जुडना चाहिए.

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि भारत और मध्य एशिया के बीच मजबूत संबंध भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं जो हमने अपने देशों और क्षेत्रों से चाहते हैं. रुस के उफा में अपने प्रवास के दौरान मोदी ने पांच देशों के ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लिया। यह सम्मेलन आर्थिक एवं सुरक्षा सहयोग पर केंद्रित था.

उन्होंने छह देशों के समूह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में भी हिस्सा लिया जिसमें भारत तथा पाकिस्तान को पूर्ण सदस्यता देने का फैसला किया गया. उफा में मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की जिस दौरान संबंधों में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए. इन फैसलों में आतंकवाद पर चर्चा करने के लिए दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक करना, आरोपियों की आवाज के नमूने मुहैया कराने सहित मुंबई आतंकी हमला मामले की सुनवाई को तेज करना शामिल था.