निजी कंपनियों के हाथों में आयेगी भारतीय रेल !

नयी दिल्‍ली : भारतीय रेल के खास्‍ताहाल को दुरुस्‍त करने के लिए मोदी सरकार भारतीय रेल की रूपरेखा में बदलाव करने का मन बना रही है. दरअसल रलवे में सुधार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक समिति का गठन किया था. इस समिति की अध्‍यक्षता विवेक देबराय कर रहे हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 2, 2015 12:12 PM
नयी दिल्‍ली : भारतीय रेल के खास्‍ताहाल को दुरुस्‍त करने के लिए मोदी सरकार भारतीय रेल की रूपरेखा में बदलाव करने का मन बना रही है. दरअसल रलवे में सुधार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक समिति का गठन किया था. इस समिति की अध्‍यक्षता विवेक देबराय कर रहे हैं.
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस कमिटी ने सरकार को अपना रिपोर्ट पेश किया है जिसमें सिफारिश की गयी कि रेलवे के संचालन का काम निजी कंपनियों को सौंप देना चाहिए और रेलवे का काम नीतियां बनाने तक सीमित रखना चाहिए.
विवेक देबराय पैनल ने अपनी सिफारिश में कहा है कि निजी कंपनियों को यात्री गाड़ी और मालगाड़ी चलाने की अनुमति दी जानी चाहिए. इसके लिएनिजी कंपनियों को इंजन, वैगन, कोच और लोकमोटिव निर्माण का काम सौंप देना चाहिए. देबराय पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रेलवे को कल्‍यानार्थ कामकाजों और आरपीएू प्रबंधन से दूर रहना चाहिए. रेलवे अभी हॉस्‍पीटल और स्‍कूलों का संचालन कर रही है. जिससे रेलवे को अलग रहने की बात कही गयी है.
कमिटी ने सभी मौजूदा प्रोडक्‍शन यूनिटों के स्‍थान पर रेलवे मैनुफैक्‍चरिंग कंपनी बनाने का सुझाव भी दिया है. इसके अलावा इस कमिटी में रेलवे स्‍टेशनों की जिम्मेदारी अलग कंपनी के हाथों में देने की भी बात कही गयी है. रेलवे बोर्ड में टिकट दलालों पर अंकुश लगाने की भी बातकही गयी है. इसके लिए पीआरएस सिस्टम में जरूरी फेरबदल किया जा रहा है.
कमिटी ने निजी क्षेत्र के हाथों में रेलवे की जिम्‍मेदारी आने के बाद रेलवे बोर्ड और रेल मंत्रालय से अलग एक स्‍वतंत्र नियामक संस्‍था बनाने की मांग की है. इसका काम रेलवे किराये की दर, सर्विस कॉस्‍ट का निर्धारण, ट्रैक प्रबंधन जैसे अन्‍य कामों के लिए तकनीकी मापदंड तय करना होगा. कमिटी ने इसका नाम रेलवे रेग्‍युलेटर ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (आरआरएआइ) रखने का प्रस्‍ताव दिया है.