समुद्र ने लीला नौसेना के ”टॉरपीडो रिकवरी पोत”

नयी दिल्ली : कल रात विशाखापत्तनम के समुद्रतट के पास एक भारतीय नौसेना का टॉरपीडो रिकवरी पोत डूब गया. इसके तुरंत बाद आज ही नौसेना ने पोत के डूबने की जांच का आदेश दे दिया है. नौसेना अधिकारियों ने बताया कि सेशेल्स की चार दिन की यात्रा पर गए नौसेना प्रमुख चीफ एडमिरल आर के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 7, 2014 11:14 AM

नयी दिल्ली : कल रात विशाखापत्तनम के समुद्रतट के पास एक भारतीय नौसेना का टॉरपीडो रिकवरी पोत डूब गया. इसके तुरंत बाद आज ही नौसेना ने पोत के डूबने की जांच का आदेश दे दिया है. नौसेना अधिकारियों ने बताया कि सेशेल्स की चार दिन की यात्रा पर गए नौसेना प्रमुख चीफ एडमिरल आर के धवन इस हादसे के मद्देनजर विशाखापत्तनम का दौरा करने के लिए अपनी यात्रा बीच में खत्म कर लौट रहे हैं.

इस हादसे में एक नाविक की मौत हो गयी जबकि चार अन्य नाविक अब भी लापता हैं. उनका पता लगाने के लिए तलाश एवं बचाव अभियान शुरु कर दिया गया है. नौसेना अधिकारियों ने बताया कि बोर्ड ऑफ इन्क्वायरी हादसे के विभिन्न पहलुओं की पडताल करेगा और पता लगाएगा कि किन कारणों से 31 साल पुराना यह पोत डूबा.

नौसेना के एक बयान में बताया गया है कि पोत रात करीब आठ बजे डूबा. यह पोत एक नियमित अभ्यास के दौरान बेडे के पोतों से दागे गये टॉरपीडो इकट्ठे करने के मिशन पर था. उन्होंने बताया कि तभी इसके एक कंपार्टमेंट में पानी भरने का पता चला.

नौसेना ने कहा, बचाव अभियान के दौरान चालक दल के एक सदस्य की मृत्यु हो गयी और चार जवानों के लापता होने की रिपोर्ट है. 23 लोगों को क्षेत्र में भेजे गए तलाशी और बचाव पोतों ने सुरक्षित बचा लिया है. नौसेना के अधिकारियों ने कहा कि पानी भरना उस समय शुरु हुआ जब जहाज अभ्यास में इस्तेमाल नकली टॉरपीडो एकत्रित करके लौट रहा था.

जानिये टॉरपीडो रिकवरी वेसल के बारे में
टॉरपीडो रिकवरी वेसल (टीआरवी) एक सहायक जहाज होता है जिसका इस्तेमाल बेडे के जहाजों और पनडुब्बियों से अभ्यास के दौरान दागे गये टॉरपीडो को एकत्रित करने के लिए किया जाता है. इस जहाज का निर्माण 1983 में गोवा शिपयार्ड द्वारा किया गया था और इसने पिछले 31 साल तक भारतीय नौसेना की सेवा की है.
पिछले कुछ महीनों में नौसेना को ऐसे कई हादसों का सामना करना पडा है. इस तरह की दुर्घटनाओं के मद्देनजर एडमिरल डी के जोशी के इस्तीफे के बाद इस साल 17 अप्रैल को एडमिरल आर के धवन ने नौसेना प्रमुख का पद संभाला था. एडमिरल जोशी ने आईएनएस सिंधुरत्ना पर आग लगने की घटना के तुरंत बाद इस्तीफा दिया था.
इस हादसे में दो नाविकों की मौत हो गयी थी. गत 31 अक्तूबर को आईएनएस कोरा विशाखापत्तनम के निकट एक व्यावसायिक पोत से टकरा गया था जिससे उसे मामूली नुकसान हुआ था.