#Delhi_Assembly_Election_Results: इन सीटों पर हारते-हारते जीत गए दिग्गज नेता

दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों के नतीजों लगभग सामने आ चुके हैं. नतीजों में आम आदमी पार्टी स्पष्ट बहुमत के साथ भाजपा और कांग्रेस से कोसों आगे निकल चुकी है. इस बीच कुछ सीटें ऐसी भी रहीं जहां आम आदमी पार्टी के मनीष सिसोदिया और आतिशी जैसे दिग्गज हारते-हारते जीत गए. पटपड़गंज सीट से […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 11, 2020 10:00 PM

दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों के नतीजों लगभग सामने आ चुके हैं. नतीजों में आम आदमी पार्टी स्पष्ट बहुमत के साथ भाजपा और कांग्रेस से कोसों आगे निकल चुकी है. इस बीच कुछ सीटें ऐसी भी रहीं जहां आम आदमी पार्टी के मनीष सिसोदिया और आतिशी जैसे दिग्गज हारते-हारते जीत गए.

पटपड़गंज सीट से दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जीत दर्ज की है. सिसोदिया ने बीजेपी उम्मीदवार रविंद्र सिंह नेगी को मात दी है. वोट प्रतिशत की बात करें तो सिसोदिया को करीब 49 फीसद और नेगी को करीब 47 फीसद वोट मिले.

जब रूझान आने शुरू हुए, तो आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी रविंद्र सिंह नेगी से दो हजार से अधिक वोटों से पीछे चल रहे थे. मतों की गिनती के कई राउंड तक रविंद्र सिंह नेगीआगे रहे. फिर अचानक पासा पलटा और दसवें राउंड में मनीष सिसोदिया ने पहली बार बढ़त ली और फिर यह बढ़त उनकी जीत पर जाकर रुकी. मनीष सिसोदिया को कुल 65215 मिले हैं जबकि रविंद्र सिंह नेगी को 62209 मत हासिल हुए हैं.

वहीं, दूसरी ओर कालका जी सीट से आम आदमी पार्टी की आतिशी मार्लेना ने जीत दर्ज की है. आतिशी को कुल 55833 वोट मिले हैं. इस सीट पर इनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के धर्मबीर सिंह सेथा, जिन्हें कुल 44411 वोट मिले हैं. आतिशी मार्लेना ने अपने निकटतम बीजेपी उम्मीदवार धरमबीर सिंह को करीब 11 हजार मतों से हरा दिया है. इससे पहले खबर ये आयी थी कि आतिशी बीजेपी उम्मीदवार से पीछे चल रही हैं. धर्मबीर सिंह मतों की गिनती में आगे चल रहे थे. हालांकि करीबी मुकाबले में आतिशी विजयी रहीं.

इसके अलावा, रोहिणी विधानसभा सीट पर बीजेपी के विजेंद्र कुमार जीते हैं, तो वहीं आप के राजेश बंशीवाला और कांग्रेस के सुमेश गुप्ता इस दौड़ में पीछे रह गए. शुरुआती रुझान में विजेंद्र कुमार पीछे चल रहे थे. रोहिणी विधानसभा क्षेत्र में 8 फरवरी को हुए मतदान में 63.14 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मत का इस्तेमाल किया था, जो 2015 से 5.72 प्रतिशत ज्यादा रहा. यहां से भारतीय जनता पार्टी के विजेंद्र कुमार, आम आदमी पार्टी के राजेश बंशीवाला और कांग्रेस पार्टी के सुमेश गुप्ता चुनाव मैदान में कांटे की टक्कर थी.

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