फेयरनेस और एंटी एजिंग को लेकर किया भ्रामक विज्ञापन, तो हो सकती है जेल और 50 लाख का जुर्माना!

नयी दिल्ली : स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक प्रस्ताव दिया है जिसके तहत आपत्तिजनक विज्ञापन अधिनियम,1954 में संशोधन किया जायेगा. इस संशोधन में गोरेपन की क्रीम, यौनशक्तिवर्द्धक, महिलाओं में बांझपन इत्यादि समस्याओं से संबंधित आपत्तिजनक और भ्रामक विज्ञापन प्रसारित करने पर पांच साल तक की जेल और 50 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 7, 2020 5:41 PM

नयी दिल्ली : स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक प्रस्ताव दिया है जिसके तहत आपत्तिजनक विज्ञापन अधिनियम,1954 में संशोधन किया जायेगा. इस संशोधन में गोरेपन की क्रीम, यौनशक्तिवर्द्धक, महिलाओं में बांझपन इत्यादि समस्याओं से संबंधित आपत्तिजनक और भ्रामक विज्ञापन प्रसारित करने पर पांच साल तक की जेल और 50 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया जायेगा.

संशोधन के मसौदे में 78 ऐसी बीमारियों का जिक्र किया गया है जिसके संबंध में चमत्कारिक उपचार से संबंधित विज्ञापन देना दंडनीय होगा.संशोधन के मसौदे में यौन शक्ति और गोरापन बढ़ाने, असमय आये बुढ़ापे को रोकने, एड्‌स, बालों का सफेद होना, हकलाना और बांझपन जैसी समस्याओं को शामिल किया गया है.

इस एक्ट के तहत पहली बार दोषी पाये जाने पर छह माह की जेल और जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है. एक से अधिक बार दोषी पाये जाने पर एक साल की कैद और जुर्माना या दोनों हो सकता है. लेकिन मंत्रालय का यह प्रस्ताव है कि सजा को बढ़ा दिया जाये और पहली बार दोषी पाये जाने पर दो साल की सजा और 10 लाख का जुर्माना, जबकि एक से अधिक बार दोषी पाये जाने पर पांच साल की कैद और 50 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया जायेगा.

मंत्रालय ने कहा है कि बदलते समय और तकनीक के साथ तालमेल बनाये रखने के लिए यह संशोधन किया जा रहा है. इस संबंध में सुझाव और आपत्तियां नोटिस जारी होने के बाद मांगी जायेगीं और उन्हें 45 दिन के भीतर दर्ज करना होगा.

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