लोकसभा अध्यक्ष से कांग्रेस ने की डॉ हर्षवर्धन की शिकायत, सदन में खेद जताने की रखी मांग

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने राहुल गांधी की एक टिप्पणी पर शुक्रवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के बयान को लेकर हंगामे के बाद आरोप लगाया कि मंत्री ने सदन में सवाल करने के एक सदस्य के अधिकार का उल्लंघन किया है. सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 7, 2020 4:14 PM

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने राहुल गांधी की एक टिप्पणी पर शुक्रवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के बयान को लेकर हंगामे के बाद आरोप लगाया कि मंत्री ने सदन में सवाल करने के एक सदस्य के अधिकार का उल्लंघन किया है. सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह भी कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के समक्ष हर्षवर्धन के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी गयी है और मंत्री को सदन में आकर खेद प्रकट करना चाहिए.

चौधरी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘हमारे नेता राहुल गांधी का नाम सवाल करने के लिए सूचीबद्ध था. हर्षवर्धन अपने उत्तर में राहुल गांधी की सदन के बाहर की टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना करने लगे, जबकि इसका प्रश्न से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं था.’ उन्होंने कहा, ‘हम यह स्वीकार करते हैं कि जब मंत्री जी राहुल गांधी पर आरोप लगाने और अपमान करने लगे, तो हमारे कुछ सदस्य गुस्से में आसन के निकट पहुंच गये.’

चौधरी ने कहा, ‘हमने लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष विरोध दर्ज कराया है.’ उन्होंने सवाल किया कि अगर प्रधानमंत्री सदन के बाहर कुछ कहेंगे, तो क्या हम प्रश्नकाल के दौरान उसके बारे में पूछ सकते हैं? उन्होंने कहा, ‘ताज्जुब की बात है कि मंत्री जी जवाब देने के समय कागज निकालकर पढ़ने लगे. ऐसे लगता है कि यह सब सुनियोजित था.’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘यह हमारे सदन की गरिमा का सवाल है और हमारे अधिकार का सवाल है. प्रश्न पूछना हमारा अधिकार है. हमारे अधिकार का उल्लंघन किया गया. हमने मांग की है कि हर्षवर्धन सदन में आकर खेद जताएं और सदन चलाने में मदद करें.’

लोकसभा में शुक्रवार को उस समय हंगामेदार स्थिति बन गयी, जब हर्षवर्धन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक विवादास्पद बयान की आलोचना करते हुए उसे ‘अजीबोगरीब’ करार दिया. इस पर कांग्रेस के एक सदस्य के मंत्री के पास आकर विरोध दर्ज कराने के तरीके को सरकार ने अत्यंत निंदनीय करार दिया. इस मुद्दे पर हंगामे के कारण सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी.

Next Article

Exit mobile version