एससी-एसटी आरक्षण संबंधित बिल और नागरिकता विधेयक लोकसभा में आज होगा पेश

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश करेंगे. इसके बाद इस पर चर्चा होगी और इसे पारित कराया जायेगा. इसको लेकर सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने सभी लोकसभा सांसदों को व्हिप जारी किया है और कहा है कि नौ दिसंबर से तीन दिनों तक सदन में मौजूद रहें. विधेयक के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 9, 2019 7:27 AM
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश करेंगे. इसके बाद इस पर चर्चा होगी और इसे पारित कराया जायेगा. इसको लेकर सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने सभी लोकसभा सांसदों को व्हिप जारी किया है और कहा है कि नौ दिसंबर से तीन दिनों तक सदन में मौजूद रहें.
विधेयक के लोकसभा में आसानी से पारित होने की संभावना है, क्योंकि 545 सदस्यीय सदन में भाजपा के 303 सांसद हैं. इस विधेयक का पूर्वोत्तर में विरोध हो रहा है. वहीं, कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने भी इसका विरोध किया है. विधेयक के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आये हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी नहीं माना जायेगा, बल्कि उन्हें भारतीय नागरिकता दी जायेगी.
एससी-एसटी आरक्षण संबंधित बिल भी आज होगा पेश
लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एससी-एसटी के लिए आरक्षण की सीमा 10 वर्ष और बढ़ायी जायेगी, लेकिन विधायिका में आंग्ल-भारतीय समुदाय के व्यक्ति को मनोनीत करने की व्यवस्था अगले वर्ष जनवरी में समाप्त हो जायेगी. संसद के निचले सदन में सोमवार को पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध एक विधेयक में ये प्रस्ताव किये गये हैं.
नागरिकता विधेयक पारित होना बापू पर जिन्ना के विचारों की जीत होगी : थरूर
नयी दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने रविवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक का पारित होना निश्चित तौर पर महात्मा गांधी के विचारों पर मोहम्मद अली जिन्ना के विचारों की जीत होगी. उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर नागरिकता देने से भारत ‘पाकिस्तान का हिंदुत्व संस्करण’ भर बन कर रह जायेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ‘एक समुदाय’ को निशाना बना रही है और दूसरे धर्मों की तुलना में उस समुदाय के लोगों की उन्हीं स्थितियों में उत्पीड़न पर उन्हें शरण नहीं दे रही है.

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