75 प्रतिशत भारतीय मानते हैं, एक नौकरी के भरोसे रहना ‘पुराना चलन”, रिटायरमेंट में भी नहीं करते विश्वास

नयी दिल्ली : यदि आप अपने पूरे कैरियर में केवल एक ही नियोक्ता के लिए काम करते हैं या ऐसा करने के इच्छुक हैं, तो 75 प्रतिशत भारतीयों के अनुसार आप ‘‘पुराने जमाने’ के हैं. यह दावा एक सर्वेक्षण में किया गया है. सर्वेक्षण के मुताबिक, 75 प्रतिशत भारतीय पारम्परिक सेवानिवृत्ति को भी ‘‘पुराने जमाने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 18, 2019 2:10 PM

नयी दिल्ली : यदि आप अपने पूरे कैरियर में केवल एक ही नियोक्ता के लिए काम करते हैं या ऐसा करने के इच्छुक हैं, तो 75 प्रतिशत भारतीयों के अनुसार आप ‘‘पुराने जमाने’ के हैं. यह दावा एक सर्वेक्षण में किया गया है. सर्वेक्षण के मुताबिक, 75 प्रतिशत भारतीय पारम्परिक सेवानिवृत्ति को भी ‘‘पुराने जमाने का चलन’ मानते हैं, जबकि 25 प्रतिशत भारतीय सेवानिवृत्ति के बाद अपनी पसंद का कैरियर अपनाना चाहते हैं.

इसके अनुसार, 84 प्रतिशत भारतीयों ने वही करियर चुना, जिसका उन्होंने प्रशिक्षण लिया या जिसकी पढ़ाई की लेकिन 31 प्रतिशत ने अंतत: अपना करियर बदल लिया. ‘पियर्सन ग्लोबल सर्वेक्षण’ में 1000 भारतीयों समेत 19 देशों के 16 वर्ष से 70 वर्ष आयुवर्ग के 11,000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया. सर्वेक्षण के अनुसार, 78 प्रतिशत भारतीय मानते हैं कि आधुनिक समय में छात्रों को सीखने में तकनीक मदद करती है और उनके लिए शिक्षा को आसान एवं मनोरंजक बनाती है.

कम से कम 22 प्रतिशत भारतीयों ने कहा कि औपचारिक शिक्षा अच्छी है लेकिन आवश्यक नहीं है, जबकि 22 प्रतिशत भारतीयों का मानना है कि औपचारिक शिक्षा आज प्रासंगिक नहीं है क्योंकि इसके बिना भी सफल हुआ जा सकता है. 59 प्रतिशत भारतीयों के अनुसार देश की शिक्षा प्रणाली आधुनिक पीढ़ी के लिए उचित है.

सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार करीब 25 प्रतिशत लोग सेवानिवृत्ति के बाद अपना कारोबार शुरू करने के इच्छुक हैं, 25 प्रतिशत दूसरी पारी में अपनी पसंद का काम करना चाहते हैं और 15 प्रतिशत लोग पार्ट-टाइम नौकरी करने के इच्छुक हैं. इसमें कहा गया कि 76 प्रतिशत भारतीयों को लगता है कि उन्हें अपनी नौकरी के लिए और पढ़ने की आवश्यकता है, क्योंकि तकनीक के कारण उनके रोजगार की आवश्यकताएं बदल गयी हैं.

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